लखनऊ की NIA स्पेशल कोर्ट ने पाकिस्तान से जुड़े जासूसी मामले में पूर्व सैनिक सौरव शर्मा, को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई है. सौरव शर्मा, जो उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले का निवासी है. उसे भारतीय दंड संहिता (IPC), अनधिकृत गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम UA(P) Act और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत सजा दी गई है. अधिकतम 5 साल की कठोर जेल की सजा और साथ ही जुर्माना भी लगाया गया है. सभी सजाएं एक साथ चलेंगी. सौरव शर्मा को जनवरी 2021 में एक अन्य आरोपी, अनस याकूब के साथ गिरफ्तार किया गया था. अनस याकूब गुजरात का निवासी है. NIA ने 5 फरवरी 2021 को यूपी एटीएस से इन दोनों आरोपियों की कस्टडी ली थी और इनके खिलाफ केस दर्ज किया था. NIA ने दोनों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी.
ISI के एजेंटों के साथ जासूसी
जांच के दौरान यह पता चला कि सौरव शर्मा पहले भारतीय सेना में सिग्नलमैन था. बाद में, वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के एजेंटों के साथ जासूसी रैकेट में शामिल हो गया. सौरव ने एक फर्जी नाम, नेहा शर्मा, का इस्तेमाल करके भारतीय सेना के बारे में गोपनीय जानकारी साझा की थी. लीक हुई जानकारी में भारतीय सेना से संबंधित संवेदनशील जानकारी शामिल थी.
जानकारी के बदले लिए पैसे
सौरव शर्मा ने खुफिया और संवेदनशील जानकारी के बदले में कई सोर्स से पैसे हासिल किए, जिनमें पाकिस्तानी स्रोत और सह-आरोपी अनस याकूब गितेली भी शामिल थे. यह मामला न केवल सुरक्षा के लिहाज से गंभीर है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे कुछ व्यक्ति अपने देश के खिलाफ जासूसी के लिए प्रेरित होते हैं. लीक हुई जानकारी में भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी भी शामिल थी.