फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। गैंगेस्टर एक्ट के मामले में विशेष न्यायाधीश गैंगेस्टर एक्ट/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रितिका त्यागी ने अभियुक्त बृजकिशोर उर्फ पडकुआ को दोषी करार देते हुए 6 वर्ष के कठोर कारावास व 10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा न करने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
14 जून 1992 को थाना मेरापुर के ग्राम पिलखना निवासी अनोखे सहाय ने मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें दर्शाया था कि आरोपी सूरज आदि ने उसकी नाबालिक पुत्री का अपहरण कर लिया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था। वहीं 11 अगस्त 1992 को एसआई चरन सिंह ने अभियुक्त सूरज को तमंचा कारतूस सहित गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। 24 मार्च 1992 को पिलखना के बादशाह ने आरोपी सूरज व बृजकिशोर उर्फ पडकुआ आदि चार आरोपी पर मारपीट की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। 24 मार्च 1994 को रामू उर्फ छोटे लाल जाटव ने आरोपी सूरज व बृजकिशोर उर्फ पडकुआ पर एससी/एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया था। वहीं सुरेन्द्र कुमार दुबे ने दर्ज कराये मुकदमे में दर्शाया था कि आरोपी सूरज व बृजकिशोर उर्फ पडकुआ ने तमंचों से सुभाष की हत्या की है और परिवार वालों को जान से मारने की धमकी दी। वहीं रामनरेश जाटव व पातीराम ने भी मुकदमा दर्ज कराया था। एचसी रवीन्द्र सिंह ने 21 अक्टूबर 1997 को अभियुक्त आरोपी बृजकिशोर उर्फ पडकुआ को एक बोतल कच्ची नाजायज सहित गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। 21 सितम्बर 1997 को बृजकिशोर उर्फ पडकुआ पर गुण्डा एक्ट की कार्यवाही की गई। बचाव पक्ष व शासकीय अधिवक्त की कुशल पैरवी के आधार पर विशेष न्यायाधीश गैंगेस्टर एक्ट/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रितिका त्यागी ने अभियुक्त बृजकिशोर उर्फ पडकुआ को दोषी करार देते हुए ६ वर्ष के कठोर कारावास व 10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा न करने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।