*अलग-अलग थानों में दर्ज मामलों में लगायी गई एफ आर खारिज
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। अपर जिला जज विशेष पाक्सो एक्ट के न्यायाधीश प्रेम शंकर ने दुष्कर्म, पाक्सो एक्ट एवं कुकर्म के तीन मुकदमे में लगाई गई फाइनल रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। संबंधित थानाध्यक्षों को मुकदमों की दोबारा से विवेचना करने और उसके परिणाम से कोर्ट को अवगत कराने का आदेश दिये है। संबंधित मुकदमों के विवेचकों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश पुलिस अधीक्षक को दिये।
मऊदरवाजा थाना क्षेत्र के एक मोहल्ला निवासी व्यक्ति ने गंगा दरवाजा माधौपुर निवासी राजनेश, अवनीश, सचिन व अजय पाल के खिलाफ 11 जनवरी 2018 को मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें कहा कि उसकी 15 वर्षीय पुत्री को आरोपी 11 जनवरी 2018 को अपने साथ ले गए। पुलिस ने किशोरी को बरामद किया। उच्च न्यायालय के आदेश पर युवती के कोर्ट में कलम बंद बयान दर्ज हुए। मेडिकल परीक्षण के आधार पर किशोरी बालिग निकली। उसको स्वेच्छा से जाने का आदेश सीजेएम ने दिया था और युवती की इच्छा के अनुसार उसके बताए स्थान पर पहुंचने के आदेश मऊदरवाजा थानाध्यक्ष को दिया था। विवेचक जितेंद्र सिंह यादव ने जांच कर मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी। वहीं कायमगंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी ग्रामीण ने कंपिल थाना क्षेत्र के गांव रूटौल निवासी रोहित के खिलाफ 3 अक्टूबर 2017 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें कहा कि उसकी 15 वर्षीय पुत्री दो अक्टूबर की रात जागरण देखकर घर लौट रही थी। रास्ते से आरोपी उसकी पुत्री को लेकर कहीं चला गया। किशोरी को बरामद किया गया। मुकदमे के विवेचक हरिओम प्रकाश त्रिपाठी ने मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी। पीडि़ता ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर फाइनल रिपोर्ट पर आपत्ति लगाई। वहीं जहानगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी ग्रामीण ने वर्ष 2017 में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें कहा कि उसहा नाबालिग पुत्र घर के बाहर खेल रहा था। आरोपी पुत्र को बहला कर अपने साथ ले गया। उसके साथ कुकर्म किया। मुकदमे के विवेचक मुनेंद्र सिंह व राजेश कुमार ने जांच के बाद फाइनल रिपोर्ट लगा दी। पीडि़त ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर आपत्ति लगाई। न्यायाधीश ने तीनों मुकदमे में लगाई गई फाइनल रिपोर्ट को निरस्त कर दिया है। संबंधित थानाध्यक्ष को दोबार से विवेचना कराने का आदेश दिया है। तीनों मुकदमे के वादी और पीडि़त को कोर्ट में पेश होने के लिए सम्मन जारी किया गया था। सम्मन तामील कराने के बाद बावजूद पुलिस तीनों मुदकमे के वादी और पीडि़त को कोर्ट में पेश नहीं कर पाई। विवेचना में भी पुलिस ने दिलचस्पी नहीं ली। न्यायाधीश ने विवेचक मुनेंद्र सिंह, राजेश कुमार, हरिओम त्रिपाठी व जितेंद्र सिंह यादव के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का आदेश एसपी को दिया है। कार्रवाई से न्यायालय को अवगत कराने का भी आदेश दिया है।