जानलेवा हमले के मामले में तीन को चार वर्ष का कारावास

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। जानलेवा हमला के मामले में अपर जनपद न्यायाधीश कक्ष संख्या 5 रितिका त्यागी ने अभियुक्त मुजम्मिल, मुस्तकीम, अपऊ उर्फ हामिद को चार वर्ष का कारावास व 23500 रुपये का अर्थदंड से दंडित किया है।
वर्ष 2003 में थाना जहानगंज के ग्राम जरारी निवासी अश्फाक हुसैन पुत्र शहजाद हुसैन ने पुलिस को दी तहरीर में दर्शाया कि गांव की जहरा बेगम के साथ मिलकर ग्राम शरफाबाद में जमीन का बैनामा रामऔतार पुत्र मंगूलाल निवासी खानपुर कोतवाली छिबरामऊ जनपद कन्नौज से कराया था। वजीम व सरकसी गुंडा किस्म के व्यक्ति है। टै्रक्टर चोरी के मामले में जहानगंज पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है उन पर कई मुकदमे चल रहे है। मंैने अपनी जमीन पर सरसों की फसल बोई है। आरोपी दौलत शेर पुत्र हैदर खां, मुजम्मिल, मुस्तकीम, अपऊ पुत्रगण दौलत शेर निवासीगण गुलरिया शरफाबाद भोजपुर ने आरोपियों के साथ मिलकर अवैध असलाहों से लैस होकर आये और जान से मारने की नियत से दौड़ पड़े। मैंने भागकर अपनी जान बचायी। गांव के कुछ लोगों के साथ खेत पर गया तो देखा आरोपीगण रायफलों व बंदूकों से लैस थे और सरसों की फसल काट रहे थे। मना करने पर आरोपियों गाली-गलौज किया और जान से मारने की नियत से फायर कर दिया। पेड़ की आड़ में छिप जाने से बाल-बाल बच गया। आसपास के लोगों के ललकारने पर आरोपीगण जानमाल की धमकी देकर भाग गये और कट फसल को अपने साथ ले गये तथा फसल को उजाड़ ले गये। थाने रिपोर्ट लिखाने जाते समय आरोपीगण रास्ते में रास्ता रोकते है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। बचाव पक्ष व शासकीय अधिवक्ता की कुशल पैरवी के आधार पर अपर जनपद न्यायाधीश कक्ष संख्या 5 रितिका त्यागी ने अभियुक्त मुजम्मिल, मुस्तकीम, अपऊ उर्फ हामिद को दोषी करार देते हुए धारा 307 सपठित धारा 34 के अपराध में चार-चार वर्ष का कारावास व 20-20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा न करने पर तीन-तीन माह के अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। धारा 427 के अपराध में 1-1 वर्ष के कारावास व 2-2 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा न करने पर दो-दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। धारा 504 के आरोप में छह-छह माह के साधारण कारावास व 500-500 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अदा न करने पर एक-एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। धारा 506 के आरोप में एक-एक वर्ष का कारावास व एक-एक हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। अदा न करने पर एक-एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

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