- अखिलेश यादव आज प्रयागराज में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों से मुलाकात कर सकते
- आयोग के बाहर तोड़फोड़ में सपा नेता समेत तीन को जेल
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सामने प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस और छात्रों के बीच जबरदस्त नोकझोंक और हाथापाई हो रही है। स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है। मौके पर भारी फोर्स मौके पर पहुंच गई है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के ‘पीसीएस प्री’ और ‘आरओ एआरओ’ की परीक्षा दो दिन में संपन्न कराने के निर्णय के विरोध में अभ्यर्थियों के धरना प्रदर्शन का आज चौथा दिन है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सामने प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस और छात्रों के बीच जबरदस्त नोकझोंक और हाथापाई हो रही है। स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है। मौके पर भारी फोर्स मौके पर पहुंच गई है। आज सुबह 8:00 बजे धरनास्थल पर अचानक पुलिस फोर्स पहुंची और कुछ छात्रों को घसीट कर ले गई। इनमें छात्र नेता आशुतोष पांडे भी शामिल हैं जो उसे वक्त धरने का नेतृत्व कर रहे थे। इस खींचतान में धरने पर बैठी कई छात्राएं चोटिल भी हो गईं।
तमाम पुलिस कर्मी बिना वर्दी के थे। छात्राओं का कहना है कि उनके साथ कोई महिला पुलिसकर्मी नहीं थी। छात्राओं के साथ अभद्रता भी हुई है। अब छात्राओं ने ही मोर्चा संभाल लिया है और धरने का खुद नेतृत्व कर रही हैं। मौके पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। धरना स्थल के चारों तरफ बैरिकेडिंग और ज्यादा कर दी गई है। छात्र पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। उधर, अखिलेश यादव आज प्रयागराज में प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों से मुलाकात कर सकते हैं। प्रयागराज के डीसीपी अभिषेक भारती का कहना है कि छात्र राज्य पीएससी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों से अनुरोध किया जा रहा है कि वे संवैधानिक तरीके से अपना विरोध जारी रखें और उनकी मांगों को अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा।
इससे पहले, उप्र. लोकसेवा आयोग के बाहर चल रहे प्रदर्शन के दौरान सरकारी बैरियर, कोचिंग का बोर्ड तोड़ने व अशांति फैलाने के मामले में बुधवार को बड़ी कार्रवाई हुई। पुलिस ने सपा नेता समेत तीन लोगों को जेल भेज दिया। सपा नेता समेत दो पर एक दिन पहले दर्ज कराए गए मुकदमे जबकि एक अन्य आरोपी का शांतिभंग में चालान हुआ। अज्ञात आरोपियों की पहचान के प्रयास जारी हैं। पुलिस के मुताबिक, जेल भेजा गया तीसरा आरोपी शशांक मूल रूप से करौरा, औरैया का रहने वाला है जो यहां रहकर खुद को प्रतियोगी छात्र बताता है। वह उन 10 लोगों में शामिल था जिन्हें मंगलवार को आंदोलन की आड़ में अशांति फैलाने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। इनमें से नौ को तो एसीपी कोर्ट से जमानत दे दी गई लेकिन शशांक को जेल भेज दिया गया। आरोप यह भी है कि शशांक जबरन कोचिंग बंद कराने पहुंचा था और आयोग के पास भी माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहा था।
अभ्यर्थी अपनी मांगों पर अड़े हुए है। छात्रों ने डेलिगेशन भेजने से इनकार कर दिया है। अभ्यर्थियों ने राजनेताओं को आंदोलन से दूर रहने को कहा है। डीएम और अभ्यर्थियों के बीच देर रात हुई वार्ता विफल हो गई है। डीएम ने कार्रवाई की चेतावनी दी है। वहीं, बुधवार को तीसरे दिन देर शाम अभ्यर्थियों ने कैंडल मार्च निकाला। अभ्यर्थी अपनी एक दिन एक परीक्षा की मांग पर अड़े हैं।