AI इंजीनियर के पिता ने बताई बेटे के दर्द की कहानी, ‘लाखों पुरुष मर चुके हैं, सिर्फ महिलाओं…’, पत्नी की प्रताड़ना से

बेंगलुरु की प्राइवेट कंपनी के डिप्टी जनरल मैनेजर अतुल सुभाष के सुसाइड से उनके परिजन सदमे में हैं. घातक कदम उठाने से पहले अतुल ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा था. उन्होंने एक वीडियो भी बनाई थी. अतुल ने सुसाइड करने की वजह अपनी पत्नी के लगाए झूठे मुकदमों को बताया. साथ ही उन्होंने अपने ससुरालियों और कोर्ट के एक जज के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, उत्पीड़न, जबरन वसूली और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे. अतुल की मौत के बाद उनके पिता पवन कुमार ने दर्द बयां किया है. अतुल ने अपने सुसाइड नोट और वीडियो में न्यायिक व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. उनके पिता ने भी इस बारे में गंभीर आरोप लगाए हैं. अतुल सुभाष उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले थे. वह बेंगलुरु में महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में DGM के पद पर काम कर रहे थे. उनकी शादी जौनपुर की रहने वाली निखिता सिंघानिया से हुई थी. पत्नी ने अतुल पर देहज उत्पीड़न समेत कई मुकदमे दर्ज कराए थे. कोर्ट से मिलने वाली तारीखों से अतुल काफी परेशान थे. इसका जिक्र उन्होंने सुसाइड नोट और वीडियो में किया है. उन्होंने सोमवार को बेंगलुरु के मंजूनाथ लेआउट इलाके में स्थित अपने फ्लैट में फांसी लगाकर जान दे दी.

मृतक अतुल के पिता पवन कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनका बेटा पत्नी के लगाए झूठे मुकदमों से जुंझ रहा था. वह 40 बार बेंगलुरु से जौनपुर गया, वह खुद भी कोर्ट के चक्कर लगाते रहे. अतुल की पत्नी एक के बाद एक मुकदमें लगाती रही. उन्होंने बताया कि उनके बेटे का कोर्ट से विश्वास उठ गया था. वह कहता था कि कोर्ट में जो लोग हैं वह कानून और सुप्रीम कोर्ट के नियमों के हिसाब से काम नहीं करते हैं. वह बेंगलुरु से 40 बार जौनपुर तारीख करने गया. वह निराश जरुर रहा होगा, लेकिन उसने हमें कभी महसूस नहीं होने दिया. उन्होंने बताया कि अतुल ने जो सुसाइड नोट में आरोप लगाए हैं वह 100 फीसदी सच हैं.

मुझे खुद को खत्म करना बेहतर होगा- अतुल

अतुल सुभाष ने सुसाइड से पहले एक वीडियो भी बनाया था. वह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वह कहते दिख रहे हैं कि मेरा मनाना है कि मुझे खुद को ही खत्म करना बेहतर होगा, जो मैं पैसे कमा रहा हूं, उसी से मैं अपने दुश्मन को बलवान बना रहा हूं. वहीं पैसे मुझे ही बर्बाद कर रहे हैं. और यह साइकिल बढ़ता ही रहेगा. मेरे ही टैक्स के पैसे से ये कोर्ट मेरी फैमिली और बाकी लोगों को भी हरेस करेगा जो अच्छे लोग है. जो सप्लाई है वैल्यू का उसी को ही खत्म कर देना चाहिए.

सुसाइड नोट में क्या?
सुभाष ने सुसाइड नोट में बताया कि 2019 में उसने शादी की थी और अगले साल उसका एक बेटा हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी के परिजन उन्हें बार-बार रुपयों के लिए परेशान करते थे और लाखों रुपये मांगते थे और जब उन्होंने रुपये देने से इनकार कर दिया तो उनकी पत्नी कथित तौर पर 2021 में बेटे के साथ घर छोड़कर चली गई।
अब तक जांच में क्या पता चला?
पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच से पता चला है कि सुभाष का अपनी पत्नी के साथ वैवाहिक कलह था और उसकी पत्नी ने सुभाष के खिलाफ उत्तर प्रदेश में मामला दर्ज कराया था। सुभाष ने अपना सुसाइड नोट कई लोगों को ईमेल के जरिए भेजा तथा उसे एक व्हॉट्सऐप समूह पर भी साझा किया था, जिससे वह जुड़ा हुआ था।

सुभाष ने वीडियो में क्या कहा?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में सुभाष यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि, “मुझे लगता है कि आत्महत्या कर लेनी चाहिए, क्योंकि मैं जो रुपये कमा रहा हूं उससे मेरे दुश्मन और मजबूत हो रहे हैं. उन्हीं रुपयों का इस्तेमाल मुझे बर्बाद करने के लिए किया जा रहा है और यह चक्र यू हीं चलता रहेगा. मेरी ओर से चुकाए गए टैक्स से मिले पैसे से यह कोर्ट और पुलिस व्यवस्था मुझे, मेरे परिवार को और अन्य सज्जन लोगों को परेशान करेगी.” सुभाष ने मांग की कि उनकी मौत के बाद पत्नी और उसके परिवार को उनके शव के पास जाने की अनुमति न दी जाए. उन्होंने वीडियो में अपने परिजनों से कहा, “जब ​​तक उनका कथित उत्पीड़न करने वालों को सजा नहीं मिल जाती तब तक वे उनकी अस्थियों का विसर्जन न करें. सुभाष ने न्याय की मांग करते हुए अपने परिजनों से आग्रह किया कि यदि उसका उत्पीड़न करने वालों को दोषी नहीं ठहराया जाता है तो वे उसकी अस्थियों को अदालत के नाले के बाहर फेंक दें.”

मेन्स राइट्स एक्टिविस्ट ने की कार्रवाई की मांग
वहीं इस मामले में वकील आभा सिंह ने कहा, “बेंगलुरु में एक 34 वर्षीय युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष ने आत्महत्या कर ली और उसने एक सुसाइड नोट छोड़ा है. उसने उल्लेख किया है कि उसके खिलाफ नौ पुलिस शिकायतें दर्ज की गई हैं, हत्या, दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा के झूठे आरोप हैं. सुसाइड नोट में कहा गया है कि यह सच नहीं था और वह व्यक्ति अपनी पत्नी को दो लाख रुपये दे रहा था.”

उन्होंने कहा, “इसके बावजूद वह उसे अपने बेटे से मिलने नहीं दे रही थी और उसके बेटे को ब्लैकमेल करने के लिए एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था. उसके और उसके रिश्तेदारों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया जाना चाहिए. उसके खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए. यह कानून का घोर दुरुपयोग है. दहेज कानूनों का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए.”

मेन्स राइट्स एक्टिविस्ट बरखा त्रेहान ने कहा, “अतुल सुभाष पहले व्यक्ति नहीं हैं, ऐसे लाखों पुरुष मर चुके हैं. 34 वर्षीय अतुल सुभाष को मजबूर किया गया, सिस्टम विफल हो गया है. सिस्टम में बहुत पक्षपात है, केवल महिलाओं की बात सुनी जाती है, पुरुषों की नहीं. पुरुषों को प्रताड़ित किया जाता है और धमकाया जाता है. IPC की धारा 498 के तहत जानबूझकर पुरुषों के खिलाफ मामले दर्ज किए जाते हैं और सुप्रीम कोर्ट ने पाया है कि इनमें से 95 प्रतिशत मामले फर्जी हैं. महिला सुरक्षा के लिए बनाए गए कानूनों का हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.”

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