इंडिया गठबंधन के टूटने के कयासों पर अखिलेश यादव ने विराम लगा दिया

9 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में सपा के सिंबल पर ही इंडिया गठबंधन चुनाव लड़ेगा.

उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर सपा और कांग्रेस के बीच चल रही खींचतान पर बुधवार देर रात सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने विराम लगा दिया. अखिलेश ने साफ कर दिया है कि सभी 9 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में सपा के सिंबल पर ही इंडिया गठबंधन चुनाव लड़ेगा. इससे यह साफ हो गया कि कांग्रेस का कोई भी प्रत्याशी अपने सिंबल पर उपचुनाव नहीं लड़ेगा और सभी सीटों पर सपा के चुनाव निशान साइकिल पर ‘इंडिया गठबंधन’ के संयुक्त प्रत्याशी किस्मत आजमाएंगे. इस तरह अखिलेश यादव ने इंडिया गठबंधन के टूटने के कयासों पर फुल स्टॉप लगा दिया है. 2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस और सपा मिलकर लड़ी थी. सपा-कांग्रेस की सियासी कैमिस्ट्री यूपी के लोकसभा चुनाव में हिट रही. लोकसभा चुनाव में 9 विधायकों के सांसद बन जाने और एक सपा विधायक के सजा होने के कुल 10 विधानसभा सीटें खाली हुई हैं. ऐसे में सूबे की 10 में से 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं जबकि मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव की घोषणा नहीं हुई है. इनमें से पांच सीटें कांग्रेस मांग रही थी, लेकिन सपा सिर्फ दो सीटें ही उसे दे रही थी. यूपी कांग्रेस कमेटी ने शीर्ष नेतृत्व को पांच सीटों पर उपचुनाव लड़ने का प्रस्ताव भेजा था. कांग्रेस की मंशा बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के कब्जे वाली पांच विधानसभा सीटों पर लड़ाने की तैयारी में थी, लेकिन सपा ने उसके सपनों पर पानी फेर दिया था. जिन नौ सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें सपा छह पर अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी थी, अब तीन सीटों खैर, गाजियाबाद और कुंदरकी सीट पर प्रत्याशी घोषित होने बाकी हैं. इन तीन सीटों में से सपा ने खैर और गाजियाबाद सीट कांग्रेस को ऑफर की थी.

बात सीट की नहीं जीत की है- अखिलेश

अखिलेश यादव ने बुधवार देर रात एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि बात सीट की नहीं जीत की है, इस रणनीति के तहत ‘इंडिया गठबंधन’ के संयुक्त प्रत्याशी सभी 9 सीटों पर समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ के निशान पर चुनाव लड़ेंगे. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी एक बड़ी जीत के लिए एकजुट होकर, कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ी है. इंडिया गठबंधन इस उपचुनाव में, जीत का एक नया अध्याय लिखने जा रहा है. कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं के साथ आने से सपा की शक्ति कई गुना बढ़ गई है. इससे सभी 9 विधानसभा सीटों पर ‘इंडिया गठबंधन’ का एक-एक कार्यकर्ता जीत का संकल्प लेकर नई ऊर्जा से भर गया है.

 

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