लखनऊ में एक बैंक की महिला अधिकारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए महिला कर्मचारी की अचानक मौत पर कई सवाल खड़े किए है. इसके साथ ही सपा प्रमुख ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि भाजपा सरकार की नाकाम आर्थिक नीतियों के कारण कंपनियों का काम-कारोबार इतना घट गया है, जिसके कारण कंपनियां कम लोगों से कई गुना काम करवाती हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा कि इस समस्या से उबरने के लिए कंपनियों और सरकारी विभागों को तत्काल सुधार के लिए सक्रिय और सार्थक प्रयास करने चाहिए. ऐसी आकस्मिक मृत्यु के लिए जितनी भाजपा सरकार जिम्मेदार है, उतने ही जनमानस को मानसिक रूप से हतोत्साहित करने वाले भाजपाइयों के बयान भी. लखनऊ की वजीरगंज की रहने वाली सदफ फातिमा गोमतीनगर के विभूतिखंड ब्रांच में एडिशनल डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट के पद पर काम करती थीं. मंगलवार दोपहर 3 बजे वह ऑफिस में काम कर रही थीं. तभी अचानक काम करते समय वो ऑफिस में ही बेहोश होकर गिर गईं. वहीं मामले को लेकर ऑफिस के कर्मचारियों ने बताया कि काम को लेकर काफी दबाव था, जिससे वो तनाव में थीं. पुलिस ने कहा कि मौत का कारण अभी पता नहीं चल पाया है. इसकी मुख्य वजह पोस्टमॉर्टम के बाद ही पता चल पाएगी. फिलहाल शुरुआती जांच में हार्ट अटैक की बात सामने आ रही है.इंस्पेक्टर विभूतिखंड सुनील सिंह का कहना है कि मौत की स्पष्ट वजह से पोस्टमॉर्टम के बाद ही पता चल पाएगी. फिलहाल प्रारंभिक जांच में हार्ट अटैक की बात सामने आ रही है. रिश्तेदार ने बताया कि किसी चीज की दवा चल रही थी. परिजनों ने कोई शिकायती पत्र नहीं दिया है.
काम के तनाव के कारण हो रही ये घटनाएं – अखिलेश
अखिलेश यादव ने लिखा कि लखनऊ में काम के दबाव और तनाव के कारण एचडीएफ़सी की एक महिलाकर्मी की ऑफिस में ही, कुर्सी से गिरकर, मृत्यु का समाचार बेहद चिंतनीय है। ऐसे समाचार देश में वर्तमान अर्थव्यवस्था के दबाव के प्रतीक हैं। इस संदर्भ में सभी कंपनियों और सरकारी विभागों तक को गंभीरता से सोचना होगा। ये देश के मानव संसाधन की अपूरणीय हानि है। ऐसे आकस्मिक निधन काम के हालातों को सवालों के घेरे में ले आते हैं। किसी भी देश की असली तरक़्क़ी का पैमाना सेवा या उत्पाद के आँकड़े का बढ़ना नहीं होता बल्कि ये होता है कि व्यक्ति मानसिक रूप से कितना स्वतंत्र, स्वस्थ व प्रसन्न है। भाजपा सरकार की नाकाम आर्थिक नीतियों के कारण कंपनियों का काम-कारोबार इतना घट गया है कि अपने व्यापार-व्यवसाय को बचाने के लिए वो कम लोगों से कई गुना काम करवाती हैं। ऐसी आकस्मिक मृत्यु के लिए जितनी भाजपा सरकार ज़िम्मेदार है उतने ही जनमानस को मानसिक रूप से हतोत्साहित करनेवाले भाजपाइयों के बयान भी। इस समस्या से उबरने के लिए कंपनियों और सरकारी विभागों को ‘तत्काल सुधार’ के लिए सक्रिय और सार्थक प्रयास करने चाहिए।