मथुरा: मथुरा में शुक्रवार को फिल्मी स्टाइल में एक सर्राफा व्यापारी ने घर पर छापेमारी हुई. खुद को प्रवर्तन निदेशालय का अधिकारी बताकर उन्होंने सर्च वारंट दिखाया और घर की तलाशी में लग गए. तभी उनकी एक गलती ने राज से पर्दा उठा दिया. इसके बाद सतर्क सर्राफा व्यापारी ने वहां लोगों को इकट्ठा कर लिया, हालांकि लोगों की भीड़ जुटती देख अक्षय कुमार की फिल्म ‘स्पेशल-26’ की तर्ज पर लूटने आए फर्जी ईडी की टीम वहां से फरार हो गई. व्यापारी ने जब इन फर्जी अधिकारियों से बात की तो कुछ बातों को लेकर उन्हें शक हुआ. उन्होंने वहां मौजूद पुलिसकर्मी से पूछा कि आप किस थाने से आए हैं? तो उसने बताया कि वो मथुरा के गोविंदपुरम थाने से आया है, यहां व्यापारी का शक और पुख्ता हो गया, क्योंकि मथुरा में गोविंदपुरम नहीं गोविंद नगर थाना है.
दरअसल, व्यापारियों के यहां रेड मारने पहुंचे अधिकारी असली नहीं बल्कि फर्जी थे. व्यापारी ने इसकी भनक लगते ही फर्जी अधिकारियों को घर में बंद कर लिया, लेकिन शोर मचाने के बाद फर्जी अधिकारी दरवाजा तोड़कर तोड़कर भाग गए. ईडी के फर्जी अधिकारियों में एक महिला भी शामिल थी. थाना गोविंद नगर क्षेत्र राधा ऑर्चिड कालोनी , बदमाश सुबह 6 बजे घर पर फर्जी ईडी ऑफिसर बनकर पहुँचे थे. मामले की जानकारी मिलने के बाद एसएसपी भी मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली. मथुरा के थाना गोविंद नगर क्षेत्र स्थित पॉश कॉलोनी राधा ऑर्चिड में शुक्रवार की सुबह 3 पुरुष, 1 महिला पहुंचे. पुरुषों में एक पुलिस की वर्दी में था. व्यापारी के घर पहुंचे महिला पुरुषों ने खुद को प्रवर्तन निदेशालय का अधिकारी बताया और सर्च वारंट दिखाया. इसके बाद उनकी बातचीत से व्यापारी को शक हुआ. जिसके बाद उसने घर के सामने रह रहे मेयर से गुहार लगाई. कॉलोनी में लोगों के एकत्रित होते देख चारों लोग मौके से फरार हो गए. साथ में मौजूद पुलिसकर्मी से पूछा कि आप किस थाने से आए हो तो उसने अपने मथुरा के गोविंदपुरम थाने से आना बताया. यहां व्यापारी का शक पुख्ता हो गया क्योंकि मथुरा में गोविंद नगर थाना है गोविंदपुरम नहीं. शक होने पर व्यापारी ने समझदारी का परिचय देते हुए नजर बचाते हुए अचानक घर के बाहर दौड़ लगा दी. अश्वनी अग्रवाल घर के सामने रहने वाले मेयर विनोद अग्रवाल के घर पहुंचे और दरवाजा खटखटाया. इसके बाद अश्वनी ने पड़ोसियों के दरवाजे खटखटाए. इसके बाद कॉलोनी के लोग बाहर निकल आए. मेयर और पड़ोसी जब बाहर निकल कर आए और अश्वनी से मामले की जानकारी की तो पता चला कुछ लोग ED के अधिकारी बनकर उनके घर में घुस आए हैं. मेयर और कॉलोनी के अन्य लोगों ने जब ED का अधिकारी बनकर आए लोगों से बात की तो वह खुद को प्रवर्तन निदेशालय का अधिकारी बताने लगे. लेकिन जब भीड़ ज्यादा एकत्रित होने लगी तो चारों लोग मौके से खिसक गए.