चीन ने अरुणाचल प्रदेश के उस एरिया के भौगोलिक नामों की चौथी सूची जारी की है जिसे वह ज़ंगनान के रूप में मान्यता देता है. इन तीसों नाम को एक वेबसाइट पर भी रिलीज किया गया है, अरुणाचल प्रदेश को लेकर भारत और चीन के बीच एक बार फिर विवाद बढ़ता दिख रहा है. दरअसल, चीन ने भारत के इस पूर्वोत्तर राज्य को लेकर फिर से कुछ ऐसा किया है जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है. चीन ने अरुणाचल प्रदेश के अलग-अलग स्थानों के 30 नए नामों की सूची जारी की है. रिपोर्ट के मुताबिक, ये सभी नाम चीनी अक्षरों में लिखे गए हैं. चीन ने ये नाम पहाड़ों, नदियों और कुछ प्रमुख स्थानों के रखे गए हैं.
चीन की सरकार के अखबार के मुताबिक, नागरिक मामलों के मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश के उस एरिया के भौगोलिक नामों की चौथी सूची जारी की है जिसे वह ज़ंगनान के रूप में मान्यता देता है. इस क्षेत्र में सार्वजनिक रूप से उपयोग किए जाने वाले तीस अतिरिक्त नाम आधिकारिक तौर पर वेबसाइट पर जारी किए गए हैं.
चीन ने अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताकर वहां की 30 जगहों के नाम बदल दिए हैं। चीन की सिविल अफेयर मिनिस्ट्री ने इसकी जानकारी दी। हांगकांग मीडिया हाउस साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, इनमें से 11 रिहायशी इलाके, 12 पर्वत, 4 नदियां, एक तालाब और एक पहाड़ों से निकलने वाला रास्ता है। हालांकि, इन जगहों के नाम क्या रखे गए हैं, इस बारे में जानकारी नहीं दी गई। इन नामों को चीनी, तिब्बती और रोमन में जारी किया।
पिछले 7 सालों में ऐसा चौथी बार हुआ है जब चीन ने अरुणाचल की जगहों का नाम बदला हो। चीन ने अप्रैल 2023 में अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम बदल दिए थे। चीन ने पिछले 5 साल में तीसरी बार ऐसा किया था। इसके पहले 2021 में चीन ने 15 जगहों और 2017 में 6 जगहों के नाम बदले थे। अरुणाचल में बढ़ते चीनी दखल और यहां की जगहों के नाम बदले जाने पर भारत कहता आया है कि अरुणाचल हमारा हिस्सा है। अप्रैल 2023 में विदेश मंत्रालय ने कहा था- हमारे सामने चीन की इस तरह की हरकतों की रिपोर्ट्स पहले भी आई हैं। हम इन नए नामों को सिरे से खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का आतंरिक हिस्सा था, हिस्सा है और रहेगा। इस तरह से नाम बदलने से हकीकत नहीं बदलेगी।