झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की ओर से चल रही सिपाही भर्ती के फिजिकल टेस्ट में दौड़ के समय 12 युवकों की मौत के बाद राज्य में सियासी हंगामा मचा हुआ है. आरोप प्रत्यारोप का दौर चल ही रहा था कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने मौत के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि कोरोना की वैक्सीन के कारण युवाओं की मौत हो रही है. मुख्यमंत्री सोरेन ने एक कार्यक्रम में कहा कि कोरोना महामारी के समय जो टीके लगाए गए थे उसके दुष्परिणामों के कारण आज मौत हो रही है. सिपाही भर्ती की दौड़ के दौरान कुछ नौजवानों की असमय मौत हो गई है, लेकिन दौड़ने से मौत नहीं है हुई है बल्कि ऐसे ही अचानक लोग चलते-चलते भी मर रहे हैं. उन्होंने कोरोना टीके को गलत बताते हुए कहा कि उसके दुष्प्रभाव के कारण ही ऐसी घटनाएं हो रही है. देश मे लोग सर्दी खांसी से मर रहे हैं, दौड़ते-दौड़ते और चलते-चलते लोग मर रहे हैं. बूढ़े बुजुर्ग ही नहीं बल्कि जवान लोग भी मर रहे है. झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा 583 पदों पर उत्पाद विभाग में सिपाही के लिए नियुक्ति प्रक्रिया जारी है. 22 अगस्त से इसके लिए शारीरिक परीक्षा ली जा रही है. सिपाही भर्ती की शारीरिक परीक्षा के दौरान अब तक 12 अभ्यर्थियों की मौत हो गई है. हालांकि बीजेपी ने 15 मौतों का दावा किया है.
कांस्टेबल बहाली की जांच होगी- सोरेन
उन्होंने कहा कि हाल में हमारे एक सांसद की पत्नी का 28 साल की उम्र में मामूली बीमारी से निधन हो गया। हमारे यहां कांस्टेबल बहाली के लिए चल रही दौड़ में कुछ युवाओं की जान चली गई है। हम इस मामले की जांच करवा रहे हैं। इसे लेकर विपक्ष के लोग हम पर आरोप लगा रहे हैं। लेकिन, मेरा मानना है कि इन युवाओं की मौत केवल दौड़ लगाने की वजह से नहीं हुई है। इसके पीछे कोरोना टीके का दुष्प्रभाव हो सकता है। जो टीका दुनिया के बाकी हिस्सों में नहीं लगा, वह हमारे देश के लोगों को लगाया गया।