फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। अभिव्यंजना एवं पांचाल शोध एवं विकास समिति के पदाधिकारियों ने जनपद को पर्यटन मानचित्र पर प्रमुखता से शामिल करने की मांग की है। राज्य ललित कला अकादमी, संस्कृति विभाग के उपाध्यक्ष गिरीश चन्द्र मिश्र एक दिवसीय दौरे पर आये थे। अभिव्यंजना एवं पांचाल शोध एवं विकास समिति के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र सौपते हुए कहा है कि जनपद में कंपिल, संकिसा, नीबकरोरी, श्रृंगीरामपुर जैसे कई प्राचीन स्थल हैं, जिनका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। इन स्थानों का संबंध श्रीराम के जन्म से जुड़े, पुत्रेष्टि यज्ञ और जैन तीर्थकर भगवान विमलनाथ, भगवान बुद्ध, पांडवों से है। यदि इन स्थानों को पर्यटन मानचित्र में प्रमुखता से शामिल किया जाता है तो इससे पर्यटन, अध्यात्म और सांस्कृतिक विकास की असीम संभावनाएं खुलेंगी। समिति का मानना है कि इन स्थलों को पर्यटन मानचित्र में शामिल करने से जनपद में पर्यटन, अध्यात्म और सांस्कृतिक विकास की असीम संभावनाएं खुलेंगी। उन्होंने मुख्यमंत्री से जनपद को पर्यटन मानचित्र में प्रमुखता देने की मांग की है। डॉ0 रजनी सरीन ने कहा कि ग्रेटर नोएडा में लगे एक्सपो में उत्तर प्रदेश के पर्यटन को तो बताया गया, लेकिन कम्पिल और संकिसा जैसे प्रदेश भर के कई छोटे-छोटे जनपदों में जहां महत्वपूर्ण स्थान है, उनकी भी शोकेसिंग आवश्यक है। जिसे पर्यटक यहां भी आएं, क्योंकि प्रदेश सरकार इन स्थानों पर धन तो लगा रही है, किंतु सही प्रचार प्रसार नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि काशी, मथुरा, आगरा के अतरिक्त समग्र विकास आवश्यक है। इस दौरान समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सोमवंशी, भूपेंद्र प्रताप सिंह, अनिल प्रताप सिंह, सुरेन्द्र पाण्डेय, रवीन्द्र भदौरिया, अजय दीक्षित, आदेश अवस्थी, समरेन्द्र शुक्ला, मनोज मिश्रा, अरविन्द दीक्षित आदि मौजूद रहे।