जनपद को मिली कृभको एनपीके की 26640 बोरी

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। सोमवार को कृभको एनपीके 1332 मै0टन (26640 बोरी) जनपद पहुंची है। साथ ही इस सप्ताह प्राप्त हो रही एनपीके 1600 मै0टन(32000 बोरी) डी0ए0पी0 1745 मै0टन (34900 बोरी), पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है।
जिलाधिकारी डा0 वी0के0 सिंह द्वारा किसानों की आलू फसल की बुवाई की व्यवस्था हेतु किये जा रहे लगातार प्रयास के परिणाम स्वरूप जनपद में उर्वरकों की आमद तेज हो गयी है। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि जनपद में सोमवार को कृभको की एनपीके रैक से 1332 मै0टन एन0पी0के0 प्राप्त हुई है, जिसे सहकारिता क्षेत्र के प्रतिष्ठानों पर भेजने की कार्यवाही की जा रही है। इस सप्ताह जनपद में डी0ए0पी0 एवं एन0पी0के0 की कई रैकंे जनपद को प्राप्त हो रही हैं। जिससे रबी की फसल आलू एवं गेहूं हेतु किसानों को सुगमतापूर्वक उर्वरक मिलेगा। इस सप्ताह पीपीएल एवं आरसीएफ कम्पनी की 1745 मै0टन(34900 बोरी) एवं कोरोमण्डल तथा आरसीएफ कम्पनी की 1600 मै0टन एनपीके (32000 बोरी) प्राप्त हो रही है, जिसे निजी प्रतिष्ठानों पर भेजा जायेगा। जिलाधिकारी के निर्देश के क्रम में जनपद में लगातार कालाबाजारी एवं अधिक मूल्य पर बिक्री की शिकायत पर अंकुश हेतु अधिकारियों द्वारा लगातार छापे डाले जा रहे हैं। सितम्बर एवं अक्टूबर के दौरान 02 विक्रेताओं के विरूद्ध एफआईआर हुई, 02 प्रतिष्ठानों को सील किया गया एवं 17 विके्रताओं के लाइसेन्स निलम्बित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि छापे की कार्यवाही जारी रहेगी। वहीं जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि किसान नैनो डीएपी का मूल्य 600 रू0 प्रति 500 मि0ग्रा0 का प्रयोग एक एकड आलू की फसल में प्रयोग करें। यह 4-6 बोरी दानेदार डीएपी के स्थान पर पर्याप्त रहेगी। इसके प्रयोग से 85-90 प्रतिशत तत्व पौधा लेता है एवं कर्म खर्च से समुचित आलू उत्पादन होगा। नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी जो सभी दुकानों पर है का प्रयोग करने पर 1/3 डीएपी एवं एनपीके की जरूरत होगी। यह सभी समितियों,एग्री जंक्शन, निजी दुकानों पर भी उपलब्ध है। किसान की मांग के अनुसार पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है, तथा आगामी समय में उर्वरकों की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। किसान भाइयों को उनकी आवश्यकतानुसार उर्वरक उपलब्ध होती रहेगी। कृषकों को सुगमता से निर्धारित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराये जाने हेतु जनपद में नियमित छापेमार कार्यवाही की जा रही है। किसान डीएपी एवं एनपीके के स्थान पर सुपर फास्फेट, यूरिया, एवं पोटास का प्रयोग कर आलू एवं गेहूं की अच्छी पैदावार ले सकते हैं।

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