बीरभूम लोकसभा सीट पर चौथे चरण में 13 मई को मतदान होगा. चुनाव ने देबाशीष धर का नामांकन रद्द होने की वजह भी बताई है. आयोग का कहना है कि उनकी तरफ से नो-ड्यूज सर्टिफिकेट न देने के कारण उम्मीदवारी रद्द की गई है. ऐसे में सवाल है कि क्या राजनीति में आने वाले देबाशीष धर की सरकारी नौकरी में वापसी हो पाएगी
पश्चिम बंगाल की बीरभूम लोकसभा सीट से पूर्व IPS और भाजपा उम्मीदवार देबाशीष धर का नामांकन रद्द हो गया है. इस्तीफा देने के बाद भाजपा ने उन्हें बीरभूम सीट से टिकट दिया था. चुनाव आयोग ने शुक्रवार को पूर्व IPS अधिकारी की उम्मीदवारी रद्द कर दी है. हालांकि, नामांकन रद्द होने के साथ ही भाजपा ने इस सीट पर दूसरे उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया. बीरभूम लोकसभा सीट पर चौथे चरण में 13 मई को मतदान होगा. चुनाव ने देबाशीष धर का नामांकन रद्द होने की वजह भी बताई है. आयोग का कहना है कि उनकी तरफ से नो-ड्यूज सर्टिफिकेट न देने के कारण उम्मीदवारी रद्द की गई है. ऐसे में सवाल है कि क्या राजनीति में आने वाले देबाशीष धर की सरकारी नौकरी में वापसी हो पाएगी. जानिए कहता है नियम. आईपीएस देबाशीष धर ने पिछले महीने इस्तीफा दिया था. अब अगर वो नौकरी में वापसी करना चाहें तो क्या यह संभव हो पाएगा? ऐसे मामलों के लिए केंद्रीय कर्मचारियों को लेकर नियम है. ऑल इंडिया सर्विसेज के रूल 5(1) और 5(1)(A) के इस्तीफे से जुड़े नियम के मुताबिक, अगर कोई अफसर रिजाइन करता है तो उसका इस्तीफा बिना किसी शर्त के होना चाहिए. इस्तीफे में ऐसा करने की वजह दर्ज होनी चाहिए.