मेला रामनगरिया में स्थानीय कवि सम्मेलन
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। अपराकाशी के गंगा तट पांचाल घाट पर लगे मेला श्रीराम नगरिया के सांस्कृतिक पाण्डाल में हुए स्थानीय कवि सम्मेलन में गजल और गीतों का समां बंधा तो बंधता ही चला गया। वरिष्ठ कवि सत्यपाल सिंह सोमवंशी प्रगल्भ की अध्यक्षता, वैभव सिंह सोमवंशी सुभग के शानदार संचालन और महेश पाल सिंह उपकारी के अनुशासन पूर्ण संयोजन में हुए सम्मेलन में सफलता के ऊंचाई के शिखरों को स्पर्श किया। विशिष्ठ अतिथि मेला प्रबंधक संदीप दीक्षित ने सभी वाणी पुत्रों का माल्यार्पण व शाल ओड़ाकर सम्मान किया।
सरस कवियत्री प्रीती पवन तिवारी एडवोकेट की वाणी वंदना एवं अध्यक्ष द्वारा मां सरस्वती के चित्र समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ काव्यपाठ का प्रारम्भ हुआ। युवा कवि मोनू ने हास्यरस से शुरुआत की। निमिष टंडन ने तरन्नुम में गजल पढ़ी। युवा कवियत्री स्मृति अग्निहोत्री ने पढ़ा क्यों न भजु तुम को रघुनन्दन, दशरथ राज दुलारे राम से माहौल को अध्यात्मिक बना दिया। छिबरामऊ से आये देवेश दीक्षित ने राजनैतिक व्यंग किया, इससे बेहतर और भला क्या अच्छे दिन आयेंगे, अब तक भारत तोडऩे वाले भारत जोड़ रहे है। युवा कवि उत्कर्ष अग्निहोत्री ने गंगा को समर्पित रचना पढ़ी धारा के संग यादों के पल बीते हैं गंगा, मन की खुली हुई सीवन को सीते है गंगा। उपकार मणि उपकार ने गजलों से समां बांधा, बढ़ी जब प्यास होंठों पे तो हम भी जाम तक पहुंचे, जब अपना भूले तब तुम्हारे नाम तक पहुंचे, जखम पोंछे उमर भर पॉव के छाले गिने है हमने, नहीं मालूम हमारे पॉव कब आराम तक पहुंचे। प्रीती पवन तिवारी ने पढ़ा कि उसने मरना सिखा दिया हमकों, यूं बिखरना सिखा दिया हमकों, एक पतंगे ने जान देकर के प्यार करना सिखा दिया हमकों। कार्यक्रम संयोजक महेश पाल सिंह उपकारी ने युवाओं को शुभकामनायें दी। हमारे देश का जन-जन सुखी शानन्द हो जाये, युवा इस देश का हर एक विवेकानन्द हो जाये। इसके अलावा युवा कवि भानू प्रताप, जय प्रकाश मिश्रा, नील कमल त्रिवेदी, गीता भारद्वाज, सत्यपाल सिंह सोमवंशी, अनुजा सोमवंशी क्षमा ने भी अपनी कविताओं से रस बरसाया। इस मौके पर अभिव्यंजना के समन्वयक भूपेन्द्र प्रताप सहित बड़ी तादात में साहित्य प्रेमी व कल्पवासी मौजूद रहे।