फर्जी महिला आईपीएस ने आगरा के दो व्यापारियों को उठवाया, फिर रिहाई के लिए मांगे पैसे

एक जालसाज युवती ने आगरा पुलिस को खूब छकाया। पहले युवती ने एसपी बनकर डीसीपी के पीआरओ को फोन किया। दो सर्राफा कारोबारियों को चोरी का माल खरीदने के आरोप में दुकान से उठवाया। इसके बाद रिहाई को लेकर उनसे सौदेबाजी करने लगी। जब दूसरे व्यापारियों की इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने सर्राफा कारोबारियों को पकड़ने का विरोध किया। इसकी जानकारी डीसीपी को हुई तो उन्होंने मामले की पड़ताल की। तब जाकर समझ आया कि किसी ने फर्जी कॉल करके पुलिस को भ्रमित किया था। अब पुलिस फर्जी एसपी बनकर कॉल करने वाली उस युवती की तलाश कर रही है।

आगरा, समृद्धि न्यूज। फर्जी एसपी कासगंज अपर्णा रजत कौशिक हैलो, मैं बात कर रही हूं. आगरा के थाना खेरागढ़ इंस्पेक्टर से मेरी बात करवाइए जल्दी, उसने आगरा के डीसीपी पूर्वी के पीआरओ को कॉल करके थाना खेरागढ़ इंस्पेक्टर से बात करनी चाही. एसपी साहिबा का कॉल आने पर पीआरओ साहब भी हरकत में आ गए. अब उन्होंने ना कॉल चेक किया, और न ही कुछ सोचा. इंस्पेक्टर खेरागढ़ को नंबर दे दिया, और कहा कि एसपी कासगंज है, इनका फोन आया है, बात करो. इसके बाद इंस्पेक्टर ने भी तुरंत कॉल करके सबसे पहले जय हिंद कहा, फिर फर्जी एसपी ने खेरागढ़ के दो व्यापारियों को हिरासत में लेने के लिए इंस्पेक्टर को बोल दिया. उसके बाद तुरंत इंस्पेक्टर अपनी टीम के साथ पहुंच गए, और दोनों कारोबारियों को थाने ले आया. जब सच्चाई सामने आई तो असली पुलिस भी सकते में पड़ गई. दरअसल, एक महिला ने डीसीपी पूर्वी अतुल शर्मा के पीआरओ को कॉल किया था. खुद को एसपी कासगंज अपर्णा रजत कोशिश बताते हुए आगरा के खेरागढ़ इंस्पेक्टर से बात करने की बात कही थी. जिस नंबर से पीआरओ के पास कॉल आया तो  वही नंबर  पीआरओ ने इंस्पेक्टर खेरागढ़ को देकर बात करने को कही. जब इंस्पेक्टर ने फोन लगाया तो इस महिला ने इंस्पेक्टर को भी एसपी कासगंज बताते हुए बात करी, और कहा कि कासगंज में बीते दिनों एक महिला ने एक ज्वैलरी की दुकान में चोरी की घटना को अंजाम दिया था. कासगंज में जांच के दौरान सामने आया है कि यह चोरी का सामान खेरागढ़ क्षेत्र के ही राहुल और ललित ने खरीदा है. इन दोनों को तुरंत हिरासत में ले लो. फर्जी एसपी साहिबा का आदेश सुनकर इंस्पेक्टर साहब भी अपने टीम के साथ रवाना हो गए, और फिर कुछ ही देर में राहुल और ललित को हिरासत में लेकर थाने आ गए. जब जांच हुई तो दोनों कारोबारी निर्दोष पाए गए. जिसके बाद आगरा के अधिकारीयों के आदेश पर दोनों को छोड़ दिया गया.

ऐसे पकड़ में आया मामला

सर्राफा कारोबारियों के पकड़े जाने की खबर अन्य व्यापारियों को हुई तो हंगामा मच गया। बीजेपी नेता और कारोबारियों ने थाने में हंगामा कर दिया। बीजेपी नेता दिनेश गोयल ने डीसीपी वेस्ट सोनम कुमार को इसकी जानकारी दी। डीसीपी सोनम कुमार ने मामले की जांच करने के लिए एसीपी खेरागढ़ इमरान अहमद से कहा। इमरान अहमद ने कासगंज से जानकारी जुटाई तो पता चला कि एसपी कासगंज के यहां से कोई सूचना आगरा नहीं दी गई है। इसके बाद आगरा पुलिस ने माथा पकड़ लिया।

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