बजट में फिर से किसानों के हाथ खाली

एमएसपी गारंटी कानून का जिक्र नहीं हुआ
डबल आय की घोषणा हुई हवा हवाई साबित
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। इस बार के बजट में किसानों के हाथ पूरी तरह खाली हैं। ऐसा लगा कि वित्त मंत्री के बजट में किसानों को जानबूझकर नजरंदाज किया गया है। बजट में न तो एमएसपी की गारंटी के लिए कानून पर कोई बात हुई, न ही किसान सम्मान निधि का जिक्र किया गया। इसमें बढ़ोतरी की बात तो छोड़ ही दीजिए। स्वामीनाथन रिपोर्ट से सरकार इस तरह दूर भागती है जैसे अंधेरे में किसी को भूत नजर आ जाए। विभिन्न किसान संगठन, दोबारा से दिल्ली आने की तैयारी कर रहे हैं।
नवाबगंज बबना के किसान युनुस खान का कहना है कि क्या सरकार ये मान रही है कि किसान की औसतन आय 27 रुपये प्रतिदिन से बढक़र हजारों रुपये हो गई है। आम बजट में किसानों की आय डबल करने के मामले में केंद्र सरकार मौन रही है। मौजूदा परिस्थितियों में किसानों की आर्थिक दशा कैसी है, इस बारे में वित्त मंत्री ने कुछ नहीं कहा। साल 2016 में सरकार ने यह घोषणा की थी कि अगले पांच साल में किसानों की आय डबल हो जाएगी। अब 2024-25 का बजट पेश हो गया है। इसमें कम से कम इतना तो बता देते कि डबल आय की घोषणा अभी कहां तक पहुंची है। इस घोषणा के पूरा होने में अभी कितने वर्ष और लगेंगे।

नवाबगंज बरतल निवासी संजीव कुमार कश्यप ने कहा कि वित्त मंत्री ने अपने बजट में किसानों की स्थिति को लेकर कुछ नहीं कहा। वे रिसर्च और उत्पादन पर बात कर रही हैं। किसानों को उनकी फसल का सही दाम कैसे मिले, इस पर वे मौन हैं। पिछले कुछ वर्षों के बजट में सरकार झूठा ही सही, मगर दिलासा तो देती थी। इस बार तो वह भी नहीं है। दरअसल सरकार ने बजट में किसानों पर ध्यान ही नहीं दिया है। दो साल पहले के कुल बजट में कृषि क्षेत्र का हिस्सा 3.84 प्रतिशत रहा था। उसके बाद वह हिस्सा यानी 2023-24 में 3.20 फीसदी हो गया। इस बार 3.17 प्रतिशत पर बात अटक गई। यह शेयर लगातार घट रहा है।

किसान देवेंद्र सिंह राजपूत निवासी नगला हीरा सिंह ने कहा है कि इस बजट से ऐसी उम्मीद थी कि किसान सम्मान निधि के तहत दी जाने वाली राशि में कुछ बदलाव होगा। बजट सुनकर ऐसा लगा कि जैसे किसानों की सारी समस्याएं खत्म हो गई हो। अब एमएसपी की गारंटी के कानून के लिए बड़ा आंदोलन होगा। सरकार ने पौने तीन साल पहले यह बात कही थी कि किसानों को एमएसपी की गारंटी मिलेगी। इसे कानूनी दर्जा मिलेगा। उसके बाद से सरकार इस बाबत कुछ नहीं बोल रही। उन्होंने कहा कि बजट से कृषक समाज पूरी तरह निराश है। सरकार, किसान आंदोलन से पहले वाली जिद पर ही अड़ी है। अब तो केंद्रीय बजट में भी सरकार की मंशा नजर आ गई है। किसानों को दोबारा से आंदोलन की राह पकडऩी पड़ेगी। सरकार ने अपने बजट में किसानों के लिए एमएसपी के गारंटी कानून पर मौन धारण कर लिया।

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