पूरे उत्तर भारत में गर्मी का कहर, दिन ही नहीं, रात की गर्मी भी जानलेवा

पूरा यूपी गर्मी और लू की चपेट में है। नौतपा लगने के बाद पारा लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है। अधिकतम के साथ न्यूनतम तापमान में भी बढ़ोत्तरी हुई है। सोमवार को दोपहर दो बजे ही आगरा और झांसी का तापमान 47 के पार हो गया। इसमें और बढ़ोत्तरी भी हो सकती है। इधर राजधानी लखनऊ और उसके आसपास के इलाकों में दोपहर 12 बजे से ही तापमान 43 पार कर गया। मौसम विभाग के अनुसार आज यूपी के कुछ जिलों में इस सीजन का सर्वाधिक तापमान रिकॉर्ड हो सकता है। गर्मी से झुलसा देने वाले हालात पूरे उत्तर प्रदेश में हैं। रविवार को राज्य के ज्यादातर हिस्सों में चढ़ा हुआ पारा प्रचंड गर्मी का अहसास करा रहा था। झांसी 47.6 डिग्री सेल्सियस के साथ सर्वाधिक गर्म रहा। जबकि आगरा में पारा 46.8 और कानपुर में 46.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक मो. दानिश के मुताबिक मंगलवार से मौसम में मामूली बदलाव होने की उम्मीद है।

यूपी के सर्वाधिक गर्म 10 शहर

झांसी 47.6
आगरा 46.8
कानपुर 46.4
उरई 45.4
प्रयागराज 44.4
फतेहपुर 44.2
सुल्तानपुर 44.0
इटावा 44.0
हरदोई 44.0
फुरसतगंज 43.2

भीषण गर्मी का सितम जारी है. पारा रिकॉर्ड बना रहा है. राजस्थान के बाड़मेर में तापमान 49 डिग्री पहुंचने के बाद अब राज्य के फलौदी में टेम्प्रेचर 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. रात का तापमान भी बढ़ा हुआ है. भारतीय मौसम विभाग ने रात के तापमान को लेकर भी अलर्ट जारी किया है. IMD का कहना है, कई राज्यों में रात का बढ़ा हुआ तापमान परेशान कर सकता है. उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान को लेकर यह अलर्ट जारी किया गया है.विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है, गर्मियों में एक तय समय पर कमरे का तापमान चेक करना चाहिए. सुबह 8 से 10 के बीच, दोपहर एक बजे और रात के 10 बजे के बाद तापमान चेक करें. दिन के समय कमरे का तापमान 32 डिग्री सेल्सियस से कम होना चाहिए. रात में कमरे का तापमान 24 डिग्री से अधिक नहीं होना चाहिए. रात का तापमान खासकर बच्चों और 60 साल से अधिक उम्र के उन बुजुर्गों के लिए मेंटेन रखना जरूरी है जो सांस और दिल की बीमारियों से जूझ रहे हैं. रात में घर को ठंडा रखें. रात का बढ़ा हुआ तापमान भी खतरनाक होता है क्योंकि यह शरीर को ठंडा रखने का मौका नहीं देता. ये उन शहरों में ज्यादा बढ़ रहा है जो अर्बन हीट आइलैंड के लिए जाने जाते हैं. यानी जहां हरियाली कम और ऊंची-ऊंची इमारतों की संख्या ज्यादा है. अर्बन हीट आइलैंड उन्हें कहा जाता है जिन शहरों का तापमान आसपास के गांवों से अधिक बढ़ा हुआ होता है. वेदर डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, रात का बढ़ा हुआ तापमान भी मौत की वजह बन सकता है. जो पहले से बीमार हैं, उनके लिए यह स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है. यह तापमान दिमाग, हार्ट, किडनी और मासंपेशियों को बुरी तरह नुकसान पहुंचा जा सकता है.

हीट स्ट्रोक से 60 से अधिक की मौत

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत नेशनल सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक एक मार्च से अबतक देश में हीटस्ट्रोक के 16 हजार से अधिक मामले रिपोर्ट किए गए जबकि 60 से अधिक लोगों की मौत हुई है। उच्च तापमान का सेहत पर गंभीर दुष्प्रभाव हो सकता है। ये मस्तिष्क की समस्याओं से लेकर किडनी-लिवर फेलियर तक के जोखिमों को बढ़ाने वाली हो सकती है

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