कैसे पकड़ा गया बरेली का सीरियल किलर?

22 टीमें, 1500 CCTV कैमरे, डेढ़ लाख मोबाइल नंबर

बरेली. उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में पिछले 14 महीनों में 10 महिलाओं की हत्या करने वाला साइको किलर आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया. जानकारी के मुताबिक आरोपी सीरियल किलर नवाबगंज थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है. पिछले दिनों पुलिस ने तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए थे. बताया जा रहा है कि आरोपी उन्हीं में से एक हो सकता है. बता दें कि 2023 में शाही शीशगढ़ और फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र में 9 हत्याएं हुई थीं. उस वक्त पुलिस को सीरियल किलर पर शक था. इसके बाद पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए भारी भरकम फ़ौज लगा दी थी .  जिसके बाद हत्याएं रुक गई थीं. लेकिन 2 जुलाई को फिर एक महिला का शव खेत में मिला. इस हत्या का पैटर्न भी सेम था, जिसके बाद फिर सीरियल किलर की तरफ सुई घूम गई और लोगों से पूछताछ कर तीन स्केच तैयार करवाए गए.पुलिस को जो भी महिला की लाश मिलती, उसके गले में साड़ी का फंदा होता. आसपास कोई सुबूत नहीं. पुलिस को इस सवाल का जवाब नहीं मिल पा रहा था कि आखिर हत्यारा कौन है? इसकी खोज के लिए पुलिस ने 22 टीमें बनाईं, 1500 CCTV कैमरे खंगाले, 1.5 लाख मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर रखा और फिर शुरू हुआ सीरियल किलर के लिए ‘ऑपरेशन तलाश’. 15 महीने तक पसीना बहाने के बाद यूपी पुलिस आखिरकार हत्यारे तक पहुंचने में कामयाब हो पाई. पुलिस ने हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि, इन 15 महीनों के दौरान जब पुलिस उसकी तलाश कर रही थी तो ये अपने शिकार की तलाश में गली-गली भटक रहा था. एक-एक कर उसने 10 महिलाओं को मौत की नींद में सुला दिया. हैरान करने वाली बात ये भी है कि हर वारदात को अंजाम देने का तरीका ही एक जैसा था. सभी महिलाओं के शव खेतों में मिले. उनके गले में उन्हीं की साड़ी का फंदा पाया गया. 10 महिलाओं को मौत की सजा देने वाले सीरियल किलर ने पुलिस की पूछताछ में 6 हत्याओं को ही स्वीकार किया है.SSP अनुराग आर्य ने बताया कि जिले में लगातार हो रहीं महिलाओं की हत्याओं के आरोपी को पकड़ने के लिए ‘ऑपरेशन तलाश’ शुरू किया गया. इसके लिए पुलिस की स्पेशल 22 टीमें बनाई गईं. इन टीमों के लिए एक वॉर रूम तैयार किया. सभी टीमें हत्यारे की तलाश में जुट गईं. सुबूत जुटाए जाने लगे. जांच में जुटी पुलिस टीमों ने पहले सभी वारदातों का मिलान किया. इसमें पाया गया कि जिन महिलाओं की हत्या साड़ी से गला घोंटकर की गई, वह सभी 25 किलोमीटर के इलाके में हुई थी. पुलिस टीम ने घटनास्थलों के 25 किलोमीटर एरिया का व्यास बनाया.

डेढ़ लाख मोबाइल नंबर, पुलिस ने बदला भेष

हत्यारे को पकड़ने के लिए डेढ़ लाख मोबाइल नंबरों का डाटा लेकर सर्विलांस की मदद ली गई. कई वारदात गन्ने के खेतों में अंजाम दी गईं. इसे देखते हुए पुलिसकर्मियों को किसानों के भेष में वारदात वाले स्थलों के आसपास जगह-जगह लगाया गया. ‘ऑपरेशन तलाश’ के लिए मुखबिरों को भी एक्टिव किया गया. पूछताछ में जो जानकारी मिली, उसके आधार पर तीन स्केच तैयार किए गए. स्कैच दिखाकर लोगों से जानकारी की गई. इसी की मदद से पुलिस टीम हत्यारे तक पहुंचने में कामयाब हुई.

महिलाओं से कुलदीप को नफरत क्यों थी?

कुलदीप को महिलाओं से नफरत थी. उसने बताया कि बचपन में उसके पिता ने उसकी मां के रहते हुए दूसरी महिला से शादी कर ली थी. पिता सौतेली मां के कहने पर उसकी मां को मारता-पीटता था. कुछ दिनों बाद उसकी मां की मौत हो गई. सौतेली मां के व्यवहार पर उसे महिलाओं से नफरत होने लगी. उसका कहना है कि महिलाओं के प्रति उसकी नफरत तब और बढ़ गई, जब उसकी खुद की पत्नी उसे छोड़कर चली गई.

न रखता मोबाइल और न कोई गाड़ी

कुलदीप बहुत ही चालकी से महिलाओं की हत्या करता था. उसने पुलिस को बताया कि वह मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता था, जिसकी वजह से वह सर्विलांस रडार पर सर्च नहीं हो पा रहा था. इतना ही नहीं वह किसी भी वाहन का प्रयोग नहीं करता था. पैदल चलकर कुलदीप आसपास के इलाकों में घूमा करता था. पुलिस ने कुलदीप को गिरफ्तार कर राहत की सांस ली है.

1500 CCTV, बॉडी बॉर्न और खुफिया कैमरों की मदद

इन इलाकों में लगे करीब 1500 CCTV कैमरों के फुटेज खंगाले गए. इतना ही नहीं वारदात वाले इलाकों के आसपास 600 नए CCTV कैमरे भी लगाए गए. इसके अलावा बॉडी बॉर्न कैमरे, खुफिया कैमरों की भी मदद ली गई. SSP अनुराग आर्य ने बताया कि पुलिस की शुरुआती जांच में पाया गया कि हत्यारा कोई सीरियल किलर है. इसके लिए पुलिस की एक टीम को महाराष्ट्र भेजकर सीरियल किलर को लेकर स्टडी करवाई गई. प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में छपी महिलाओं की हत्या की खबरों को इकट्ठा कर मिलान किया गया.

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