बरेली। सरकार ने चिकित्सकों को बदनाम और मरीजों को परेशान करने के लिए आयुष्मान योजना बनाई है। इसमें तमाम खामियां हैं। यह व्यवहारिक भी नहीं। आईएमए आपके साथ है। आपने जो किया, उन परिस्थितियों में जो भी चिकित्सक होता, यही करता। आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन पालीवाल ने ये बातें आयुष्मान योजना को धोखा बताने वाले दीपमाला अस्पताल के डॉ. सोमेश मेहरोत्रा को जारी पत्र में लिखी हैं। आईएमए बरेली शाखा ने इसे प्रदेश अध्यक्ष का निजी विचार बताया, पर आयुष्मान योजना में जरूरी संशोधन की बात भी कही। डॉ. सोमेश सहित प्रदेश के सभी आईएमए सदस्यों को संबोधित इस पत्र की प्रतिलिपि सीएमओ बरेली को भी भेजी गई है। अब इस पत्र को लेकर सफाई का दौर शुरू हो गया है। प्रदेश अध्यक्ष एक तरफ पत्र को झूठा बता रहे हैं तो दूसरी ओर उसे धोखे से रिकॉर्ड किए जाने की बात भी कही है। साथ ही, उसे एडिट भी बताया है। वीडियो बनाने वाले मरीज के परिजन को ब्लैकमेलर भी कहा है। जबकि, आरोपी डॉक्टर ने वीडियो वायरल होने के बाद उस पर कोई आपत्ति नहीं जताई। न उसे झूठा बताया, न ही वीडियो के जरिये मरीज के परिजन द्वारा ब्लैकमेल किए जाने की बात कही।आईएमए बरेली शाखा के अध्यक्ष डॉ. आरके सिंह का कहना है कि आयुष्मान योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए संजीवनी है, लेकिन चिकित्सकों का भी ध्यान रखना होगा। अगर इलाज की मंजूरी दी है तो भुगतान निरस्त करना सही नहीं। सरकार से मांग है कि योजना संबंधी शिकायत दर्ज कराने के लिए पोर्टल बनाया जाए। केस रिजेक्शन एकतरफा न हो और मरीजों-चिकित्सकों के बीच सामंजस्य बना रहे। आयुष्मान योजना में 90% से अधिक मरीजों का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में हुआ है। बरेली आईएमए अध्यक्ष डॉक्टर आरके सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष के पत्र को मीडिया में साझा किया है। आंकड़े बताते हैं कि बरेली जिले में आयुष्मान योजना के तहत सबसे अधिक मरीजों का इलाज प्राइवेट अस्पतालों में हुआ है। जिले में अब तक लगभग 4 लाख मरीजों का इलाज हो चुका है, जिनमें से 3.2 लाख मरीज निजी अस्पतालों में इलाज करा चुके हैं। इसके बावजूद डॉक्टर योजना में खामियों की शिकायत कर रहे हैं। उनका कहना है कि क्लेम पास होने में देरी और अन्य तकनीकी दिक्कतें डॉक्टरों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही हैं। सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह ने बताया कि इस मामले की जांच दो सदस्यीय कमेटी कर रही है, जिसमें एसीएमओ डॉ. राकेश और डिप्टी सीएमओ डॉ. लईक अहमद शामिल हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। सीएमओ कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि आयुष्मान योजना और विवादित बयान को लेकर गंभीरता से जांच हो रही है। जल्द ही दोषी पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष के बयान ने सरकार और चिकित्सकों के बीच चल रहे इस विवाद को और गहरा कर दिया है।