भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO एक नहीं दो स्पेस स्टेशन बनाएगा. इनमें एक धरती का चक्कर लगाएगा तो दूसरा चंद्रमा की परिक्रमा कर उसके रहस्य खंगालेगा. धरती की ऑर्बिट में चक्कर लगाने वाला स्पेस स्टेशन ISS और चीन के तियागोंग स्पेस स्टेशन के बाद दुनिया का तीसरा स्पेस स्टेशन होगा और भारत अकेले ये कारनामा करने वाला विश्व का दूसरा देश बन जाएगा, जबकि मून स्पेस स्टेशन बनाने वाला भारत पहला देश होगा. चंद्रयान-3 को चांद के साउथ पोल पर उतारकर इतिहास रचने वाला भारत स्पेस रिसर्च में सभी को पीछे छोड़ने के लिए तैयार है. हाल ही अपनी स्वदेशी हबल को विकसित कर नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी को चुनौती देने वाले भारत ने अब अपने स्पेस स्टेशन पर काम शुरू कर दिया है. यह मिशन खास इसलिए भी है, क्योंकि 2030 में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को डिस्ट्रॉय कर दिया जाएगा, ऐसे में भारत का स्पेस स्टेशन स्पेस रिसर्च में बड़ी भूमिका निभा सकता है. इसके अलावा भारत 2040 तक मून स्पेस स्टेशन बनाने की तैयारी में भी है. भारत इस मिशन पर चरणबद्ध तरीके से काम करेगा. माना जा रहा है कि 2030 तक ISS यानी इंडियन स्पेस स्टेशन को लांच किए जा सकता है. इस पर भारत ने 2019 से काम शुरू कर दिया था, जब ISRO के तत्कालीन चेयरमैन के सिवन ने इसका ऐलान किया था. हालांकि इसका पहला चरण गगनयान है, जिसके तहत चार एस्ट्रोनॉट धरती की LEO कक्षा तक जाएंगे. माना जा रहा है कि गगनयान स्पेस में उसी बिंदु तक जाना है जहां पर भारत अपना स्पेस स्टेशन स्थापित करने वाला है.