- बहराइच जिले के महसी इलाके में भेड़ियों का आतंक जारी है
- रविवार रात भी आदमखोर भेड़ियों के झुण्ड ने दो घटनाओं को अंजाम दिया
बहराइच. उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महसी इलाके में भेड़ियों का आतंक जारी है. रविवार रात भी आदमखोर भेड़ियों के झुण्ड ने दो घटनाओं को अंजाम दिया, हरदी थाना क्षेत्र में खूनी भेड़िये ने रविवार की रात फिर खूनी खेल खेला। ग्राम पंचायत गरेठी गुरदत्त सिंह के मजरा नववन गरेथी में मां के साथ कमरे में सो रही अंजली (2) पर भोर पहर लगभग 4 बजे हमला किया। भेड़िया मां मीनू के साथ लेटी अंजली को दबोच कर गन्ने की ओर भागा। शोर सुनकर मां मीनू की आंख खुली और उसने शोर मचाते हुए पीछा किया। लेकिन अंधेरे का फायदा उठाकर भेड़िया भाग गया। सूचना पर पहुंची वन टीम ने ड्रोन कैमरे से तलाश शुरू की तो गांव से एक किमी की दूरी पर बालिका का शव पड़ा मिला। शव दिखते ही परिजनों में कोहराम मच गया और मौके पर भारी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई।भेड़िया ने हरदी क्षेत्र के ग्राम पंचायत कोटिया के मजरा बाराबिगहा निवासी कमला( 60) पर भी हमला किया। रात लगभग साढ़े ग्यारह बजे घर के अंदर आंगन मे लेटी कमला पर हमले से वो चीख पड़ी। उनकी चीख सुन पहुंचे परिजनों ने उन्हें आनन-फानन मे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महसी पहुंचाया। जहां पर डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार करने के बाद उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। साथ ही शानिवार रात 2 लोगों पर हमला कर दिया. 3 वर्षीय पारस पर देर रात 2.15 बजे हमला किया वहीं 55 वर्षीय कुन्नूलाल पर सुबह 5.20 बजे हमला हुआ. इसके बाद दोनों को सीएचसी महसी में इलाज चल रहा है. पारस की मां ने बताया कि रात को 1 से 2 के बीच में जब वह अपने घर में सो रहे थे अचानक भेड़िया ने बच्चों की गर्दन पर अटैक कर दिया. बच्चे ने चारपाई को मजबूती से पकड़ लिया भेड़िया उसे खींच रहा था लेकिन बच्चे ने चारपाई नहीं छोड़ी अचानक हम लोगों के शोर मचाने पर भेड़िया बच्चों को छोड़कर भाग गया. इसकी वजह से पारस की गर्दन पर दांत के गहरे घाव हैं. वहीं दूसरी तरफ लगभग 55 वर्षीय कुन्नूलाल ने बताया कि सुबह 4 से 5 के बीच जब वह अपने घर से निकाल कर बाहर पेशाब के लिए गए था. जब कमरे में वापस लौटे तो देखा भेड़िया अंदर बैठा था और उनके चारपाई पर बैठते ही गर्दन पर अटैक कर दिया. कुन्नू लाल की आवाज निकलना बंद हो गई लेकिन फिर भी उन्होंने भेड़िए से हाथापाई की. अन्य लोगों के शोर मचाने पर भेड़िया उन्हें भी छोड़कर भाग निकला. उनका मानना है कि अगर उनकी जगह पर कोई बच्चा होता तो शायद वह उसे खींच ले जाता घर में बच्चे भी मौजूद थे जिनकी जान बच गई.
मंडलायुक्त ने किया था दौरा
मंडलायुक्त शशि भूषण लाल भी शनिवार की रात भेड़िया प्रभावित गांव पहुंचे। उन्होंने भेड़िया प्रभावित गांवों का भ्रमण कर ग्रामीणों से जानकारी ली। साथ ही अधिकारियों से भेड़िया पकड़ने के लिए जारी कवायद के बारे में जाना और खुद भी ड्रोन से निगरानी की। इस दौरान विधायक महसी सुरेश्वर सिंह, मुख्य वन संरक्षक रेनू सिंह भी मौजूद रहीं।