फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। देश के आम बजट में कुछ खास न मिलने से मध्यम वर्गीय को निराशा हाथ लगी। बिहार व आंध्र प्रदेश को खास पैकेज देनकर सरकार राजनैतिक लाभ लेना चाहां रही है। जबकि देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश को कुछ न मिलने के पीछे लोकसभा चुनाव में जनता ने नकार दिया है। वहीं विपक्षी दलों के लोगों ने इस बजट को निराशा जनक बताया है। जिले के समाजसेवी व व्यापारी एवं शिक्षकों ने इस बजट में मध्यम वर्गीय को कुछ खास न मिलने के कारण यह बजट पूंजीपतियों को फायदा देने वाला बताया गया है।
सरकारी कर्मचारियों के लिए यह बजट निराशाजनक: ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी
फर्रुखाबाद। अटेवा के प्रदेश संयुक्त मंत्री शिक्षक नेता ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों के लिए यह बजट निराशा जनक है। एनपीएस कर्मचारी अपने बुढ़ापे के सहारे पुरानी पेंशन लागू होने की उम्मीद लगाये बैठे थे। जिसका कोई जिक्र बजट में नहीं किया गया है। जबकि उलटा गैर सरकारी नियोक्ता का अंशदान एनपीएस में पहले 10 प्रतिशत होता था, उसके बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया है। अब गैर सरकारी एनपीएस कर्मचारियों को 4 प्रतिशत वेतन कम मिलेगा। जो लोग शेयर मार्केट में म्यूचुरुल फंड में पैसा निवेश करते थे, उन्हें भी निराशा हाथ लगी है। अब लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया है। तथा शार्टटर्म कैपिटल गेन टैक्स 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है।
आम बजट में महंगाई और बेरोजगारी दूर करने की कोई योजना नहीं है: डॉ0 संदीप शर्मा
फर्रुखाबाद। युवा महोत्सव समिति के अध्यक्ष व समाजसेवी डा0 संदीप शर्मा ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि आम बजट में महंगाई और बेरोजगारी दूर करने की कोई योजना नहीं है। इसका सीधा मध्यम वर्गीय जनता व किसानों पर असर पड़ेगा। वित्त मंत्री द्वारा सदन में आम बजट पेश किया गया। बजट में सरकारी कर्मचारियों को राहत नहीं, महगाई और बेरोजगारी दूर करने के लिये बजट में कुछ भी नहीं, किसानो को महंगी खाद बीज बेंचकर अर्जित धन में से कुछ अंश किसान सम्मान निधि के रूप में बाटने वाला बजट लग रहा है। शिक्षा को सस्ता करने की कोई योजना नहीं है। जबकि इस बजट में पंूजीपतियों को ही लाभ मिला है। सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश को अलग से कोई पैकेज रुपी सुविधा नहीं दी गई है।
मिलाजुल बजट काफी हद तक सही: संजय गर्ग
फर्रुखाबाद। समाजसेवी व व्यापारी नेता संजय गर्ग ने बताया कि यह बजट काफी हद तक सही है। इस बजट से सरकार पर अलग से कोई बोझ नहीं पड़ेगा और मिला-जुला बजट होने के कारण सभी का ध्यान रखा गया है, लेकिन इनकम टैक्स में और रियाज की आवश्यकता 25 लाख तक केवल 5 प्रतिशत ही इनकम टैक्स होना चाहिए, क्योंकि जब प्रतिशत है तो 100 पर पांच तो 25 लाख पर भी इस रेशों से टैक्स बनेगा। अधिक प्रतिशत कई रेट्स आम जनता को भ्रमित और परेशान करते हैं, जितना कम टैक्स रेट रखा जाता है उतनी अधिक रेवेन्यू आती है। ऐसे में इस बजट को मिलाजुला बजट कह सकते है।
मध्यम वर्गीय लोग इस बजट से हतास: विमलेश शाक्य
फर्रुखाबाद। शिक्षक नेता अटेवा के जिला कोषाध्यक्ष विमलेश शाक्य ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों को राहत न देकर इस बजट में उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया गया है। शिक्षक व कर्मचारी पुरानी पेंशन की आस लगाये थे। पर उन्हे निराशा हाथ लगी है। यह बजट आम बजट न होकर पूंजीपतियों का बजट हो गया है। मध्यम वर्गीय लोग इस बजट से हतास है। जहां युवाओं को सरकारी नौकरियों की जरुरत है। उन्हें भी निराशा नजर आती लग रही है। प्राइवेट सेक्टर को बढ़ाते हुए बजट आया है। इसमें किसानों की एमएससी जैसी योजनाओं को लागू नहीं किया गया है। जिससे आम आदमी मुख्य सुविधाओं से दूर होता जा रहा है। ऐसे में राजनैतिक लाभ का बजट भी इसे कहा जा सकता है। लोगों की निराशा को छिपाया नहीं जा सकता है।
बजट से शिक्षकों को मिली निराशा: राजकिशोर शुक्ल
फर्रुखाबाद। वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट से शिक्षकों को घोर निराशा हुई। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री राजकिशोर शुक्ल ने कहा कि शिक्षक कर्मचारी पहले ही आयकर सीमा दस लाख तक बढाने की मांग कर रहे थे। भीषण मंहगाई को कम करने के कोई उपाय नहीं किए गए। सीमा शुक्ला ने कहा कि मंहगे पेट्रोल, डीजल, कुकिंग गैस, दालें, मसाले, ड्राई फ्रूट्स ने तो रसोई घर का बजट ही बिगाड़ दिया। बजट से छात्रों, बेरोजगारों, किसानों और नौकरीपेशा लोगों को निराशा ही हाथ लगी।