बहराइच में भाजपा नेता के फॉर्म हाउस पर दिखा भेड़ियों का नया झुंड

क्या ‘नरभक्षी लंगड़ा’ ही कर रहा है इसका नेतृत्व?

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आदमखोर भेड़ियों का आतंक अब तक जारी है। प्रशासन अब तक कई भेड़ियों को पकड़ चुकी है लेकिन आखिरी लंगड़ा भेड़िया जो इनका प्रमुख है अब तक नहीं पकड़ा गया। इस बीच बहराइच में भाजपा के विधान परिषद सदस्य पदमसेन चौधरी के फार्म हाउस पर की बुधवार शाम चार भेड़ियों का झुंड देखा गया है। स्थानीय लोगों का दावा है कि इस झुंड में एक लंगड़ा भेड़िया भी है। माना जा रहा है कि ये वही भेड़िया है जिसकी वन विभाग को तलाश है। हालांकि, भेड़ियों के नए झुंड ने लोगों का डर और ज्यादा बढ़ा दिया है।

BJP के विधान परिषद सदस्य पदमसेन चौधरी के फार्म हाउस पर बुधवार शाम चार भेड़ियों का एक झुंड देखा गया, जिनमें से एक भेड़िया लंगड़ा बताया जा रहा है। जिस स्थान पर भेड़ियों का नया झुंड दिखाई दिया वह भेड़ियों के आतंक को लेकर सर्वाधिक संवेदनशील सिसैया चूरामनि गांव से मात्र पांच किलोमीटर दूरी पर स्थित है। इस बाबत पदमसेन चौधरी ने आज बताया, ‘‘बीते बुधवार शाम चार बजे ग्रामीणों को चार भेड़ियों का एक झुंड हमारे आम के बगीचे में दिखाई दिया है, इनमें एक भेड़िया लंगड़ा है। ग्रामीणों ने भेड़ियों को घेरना शुरू किया तो वे हमारे मक्के के खेत से होते हुए पड़ोसी के खेत में चले गये। अब संभवतः किसी खेत में ही भेड़िए छिपे हैं। थोड़ी देर बाद अंधेरा होने पर भेड़िए दिखना बंद हो गये थे।इसी स्थान के नजदीक भेड़ियों की एक मांद भी है। बारिश के कारण व नदियों का जलस्तर बढ़ने से अक्सर जंगली जानवर बाहर निकल आते हैं। इसके सदस्य भेड़िये भी बदले की भावना से इंसानों पर हमलावर हो सकते हैं। DFO ने कहा, ‘‘भेड़ियों का यह झुंड अगर नरभक्षी नहीं है, फिर भी इसे पकड़ने की कवायद हुई तो इसके सदस्य भेड़िए भी पहले वाले झुंड की तरह बदले की भावना से इंसानों पर हमलावर होकर एक नयी समस्या खड़ी कर सकते हैं। तब स्थितियां और भी खराब हो सकती हैं।’पिछले दिनों छह भेड़ियों का एक झुंड आदमखोर हो चुका था जिसके पांच सदस्य पकड़े जा चुके हैं और आखिरी बचे भेड़िये की तलाश की जा रही है। वो भी कुछ आरंभिक गलतियों के कारण ही नरभक्षी हुए होंगे। आमतौर पर भेड़िए नरभक्षी नहीं होते और अब यह शोध का विषय है कि भेड़ियों का वह झुंड किस गलती की वजह से आदमखोर हुआ था। फिलहाल हम बुधवार को दिखे भेड़ियों वाले इलाके पर भी पूरी नजर रखकर इसकी जांच करा रहे हैं। जांच के बाद ही निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि ये किस प्रकृति के भेड़िए हैं। बीते दिनों 6 भेड़ियों का एक झुंड आदमखोर हो गया था। इस झुंड के पांच सदस्य पकड़े जा चुके हैं और आखिरी बचे भेड़िये की तलाश हो रही है। वन अधिकारी ने बताया है कि आमतौर पर भेड़िए नरभक्षी नहीं होते और अब यह शोध का विषय है कि भेड़ियों का वह झुंड किस गलती की वजह से आदमखोर हुआ था। उन्होंने कहा कि फिलहाल हम बुधवार को दिखे भेड़ियों वाले इलाके पर भी पूरी नजर रखकर इसकी जांच करा रहे हैं।बहराइच के महसी तहसील में घाघरा नदी के कछार में स्थित 50 गांवों के हजारों नागरिक भेड़ियों के हमलों से खौफ में जी रहे हैं। बीते 17 जुलाई के बाद से भेड़ियों के हमले में सात बच्चों सहित आठ लोगों की मौत हो चुकी है जबकि करीब 36 लोग भेड़िए अथवा अन्य जानवरों के हमलों से घायल हुए हैं। वन विभाग के 165 लोग, 18 शार्प शूटर, सैकड़ों की संख्या में पुलिस व पीएसी जवान, राजस्व तथा अन्य विभागों के कर्मी, ग्रामीणों की टीम भेड़िए को पकड़ने के अभियान में जुटी हैं। सीएम योगी ने आदेश दिया है कि आखरी आदमखोर भेड़िया पकड़ा ना जा सके और वह हमलावर होता दिखे तो अंतिम विकल्प के तौर पर उसे गोली मार दी जाए

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