पीएम मोदी ने स्पेनिश प्रधानमंत्री के साथ टाटा प्लांट का किया उद्घाटन

भारत के पास होगी 56 C-295 की ताकत

भारत अब जल्द ही एयरबस सी-295 मिलिटरी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से लैस हो जाएगा. खास बात यह है कि यह विमान भारत में भी बनाया जाएगा. इसके लिए वडोदरा में टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स तैयार है, प्रधानमंत्री मोदी ने स्पेन के प्रधानमंत्री सांचेज (स्पेन के शासनाध्यक्ष) के साथ वडोदरा में C295 विमान के फाइनल असेंबली लाइन प्लांट का उद्घाटन किया। यह विमानन क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत प्रमुख पहल है।  भारत के पास ऐसे कुल 56 एयरक्राफ्ट होंगे, जिनमें से 16 विमान एयरबस से आयात किए जाएंगे और 40 भारत में बनेंगे. इन्हें टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड के टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स में ही बनाया जाएगा.  इस एयरक्राफ्ट की ताकत और किन-किन देशों के पास ये एयरक्राफ्ट है. साल 2021 में भारत और एयरबस के बीच 56 सी-295 विमानों का सौदा हुआ था. इस सौदे की कुल कीमत 2.5 बिलियन डॉलर है. समझौते के वक्त टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा मौजूद थे. इनमें से 16 विमान एयरबस बनाकर स्पेन से भारत भेजेगी. बाकी विमान नोएल टाटा की अगुवाई में बनेंगे. वडोदरा में पहला एयरक्राफ्ट साल 2026 तक तैयार हो जाएगा और सभी विमान 2031 तक बन जाएंगे. इसके बाद टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स अगले 25 सालों तक भारतीय वायुसेना के इन विमानों की देखरेख करेगी.

 स्पेन के प्रधानमंत्री बोले- इस प्लांट से नौकरियां पैदा होंगी, इंजीनियर्स उच्च तकनीक से प्रशिक्षित होंगे

स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने TASL प्लांट के उद्घाटन के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ‘अगर भारतीय कंपनियां आगे बढ़ना चाहती हैं, तो मेरा विश्वास करें, वे स्पेन पर भरोसा कर सकती हैं। 2026 में, भारत में निर्मित पहला C295 वडोदरा के इस संयंत्र में बनाया जाएगा। यह विमान स्पेनिश और यूरोपीय एयरोनॉटिकल इंडस्ट्री का प्रतीक है। भारत की रक्षा क्षमताओं को आधुनिक बनाने में योगदान देने के अलावा, यह तकनीकी विकास को भी बढ़ावा देगा, खासकर गुजरात राज्य के लिए, जो भारत का प्रमुख विनिर्माण केंद्र है। यहां हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी और उच्च योग्य इंजीनियरों और तकनीशियनों की एक नई पीढ़ी को प्रशिक्षित किया जाएगा। मैं ऐसे देश से आता हूं जहां 99% कंपनियां बड़े, लघु और मध्यम उद्यम हैं। वे सामाजिक और क्षेत्रीय सामंजस्य को बढ़ावा देने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।’

यह प्लांट मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड मिशन को मजबूती देगा- पीएम मोदी

सी-295 विमान निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स के उद्घाटन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘यह मेरे मित्र पेड्रो सांचेज की पहली भारत यात्रा है। आज से हम भारत और स्पेन की साझेदारी को नई दिशा दे रहे हैं। हम सी-295 विमान के उत्पादन कारखाने का उद्घाटन कर रहे हैं। यह कारखाना भारत-स्पेन संबंधों के साथ-साथ ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ मिशन को भी मजबूत देगा।’

90 के दशक में कासा (CASA) C-295 था नाम

एयरबस सी-295 को 90 के दशक में विकसित किया गया था. तब इसे कासा सी-295 (CASA C-295) के नाम से जाना जाता था. कासा सी-295 ने 28 नवंबर 1997 को अपनी पहली उड़ान भरी थी. यह एक मीडियम टैक्टिकल ट्रांसपोर्ट विमान है, जिससे सामान से लेकर जवानों तक को एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से पहुंचाया जा सकता है. इससे एक बार में नौ टन सामान या 71 जवानों को ढोया जा सकता है. ट्रांसपोर्ट के अलावा इसका इस्तेमाल पैराशूट ड्रॉपिंग, इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल इंटेलिजेंस, मेडिकल निकासी और समुद्री गश्त के लिए डिजाइन किया गया है. इसके नाम में C CASA से लिया गया है. 2 का मतलब है इसमें 2 इंजन है. 95 का मतलब है यह अधिकतम 9.5 टन का पेलोड उठा सकता है. इस तरह इसका नाम C-295 हो गया.

हवा में ही की जा सकती रीफ्यूलिंग

इस विमान में दो प्रैट एंड व्हिटनी टर्बोप्रॉप इंजन लगे होते हैं, जिनसे एयरक्राफ्ट 30 हजार फीट तक की ऊंचाई तक जा सकता है. यह 481.52 किमी प्रति घंटा की गति से उड़ान भरता है. सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके जरिए हवा में ही फिक्स्ड विंग वाले एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर में रीफ्यूलिंग की जा सकती है. 1500 किलो वजनी रिमूवेबल रीफ्यूलिंग सिस्टम से लैस इस विमान में तीन अतिरिक्त फ्यूल टैंक, एक ऑपरेटर कंसोल और 100 फीट लंबी होज ड्रम यूनिट रहती है.

छोटे रनवे से उड़ान भरने में सक्षम

यह विमान शॉर्ट टेक-ऑफ़ और लैंडिंग में सक्षम है. केवल 320 मीटर की दूरी में टेक-ऑफ़ और 670 मीटर की दूरी में लैंडिंग की क्षमता के चलते यह छोटे रनवे के लिए काफी मुफीद है. यह लगातार 11 घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम है. इसके पीछे लगे रैम्प डोर से सैनिकों या सामान को तेजी से चढ़ाया या उतारा जा सकता है. आटो रिवर्स क्षमता के चलते यह 12 मीटर चौड़े रनवे पर 180 डिग्री तक मुड़ सकता है.

इन देशों के पास है C-295

दुनिया के 37 देशों में इस एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसमें इजिप्ट, पोलैंड, इंडोनेशिया, भारत, कनाडा, मेक्सिको, ब्राजील समेत 37 देश हैं. साल 1999 में स्पेन की ही वायु सेना ने सबसे पहले सी-295 में दिलचस्पी ली और साल 2000 में नौ सी-295 एयरक्राफ्ट का ऑर्डर दिया था. स्पेन के बाहर पहली बार पोलैंड की वायु सेना ने ऐसे आठ एयरक्राफ्ट के लिए साल 2001 में ऑर्डर दिया. इसके दो साल डिलीवरी शुरू की गई. 2006 और 2007 में दो-दो और सी-295 एयरक्राफ्ट के लिए पोलैंड ने ऑर्डर दिया. जून 2012 में पांच और विमान का सौदा किया जो उसे 2013 के अंत तक मिल भी गए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *