यूपी के भदोही जिले में एक मंदिर के पुजारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. मंदिर के बुजुर्ग पुजारी सीताराम का शव मंदिर परिसर के कमरे में खून से सना हुआ मिला. यह घटना सुरियावां थाना क्षेत्र के बावन बीघा तालाब स्थित लगभग 100 साल पुराने हनुमान मंदिर की. सूचना पर दो घंटे बाद पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. स्थानीय लोगों ने जनपद पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि पुजारी को पहले भी जान से मारने की धमकी मिली थी और पुलिस ने पहले कार्रवाई की होती तो पुजारी बाबा आज जिंदा होते. भदोही के सुरियावां थाना क्षेत्र अंतर्गत बावन बीघा तालाब स्थित लगभग 100 साल पुराने हनुमान मंदिर के बुजुर्ग पुजारी सीताराम का शव संदिग्ध अवस्था में खून से लथपथ मिला. हनुमान मंदिर के करीबी जय प्रकाश धर्माचार्य ने बताया कि पुजारी सीताराम रामानंद संप्रदाय के संत थे और उनका व्यवहार बहुत सरल था. मंदिर के आसपास लगातार मदिरापान, चोरियां और धर्मांतरण की घटनाएं हो रही थीं, जिसका पुजारी लगातार विरोध कर रहे थे.
एसएचओ समेत चार पुलिसकर्मी निलंबित
स्थानीय लोगों के अनुसार मंदिर के पास कुछ अराजक तत्वों का जमावड़ा होने और कई बार मंदिर में घंटा, दानपात्र से चोरी की शिकायत पुजारी ने की थी। आज भी कई घंटा और दानपात्र गायब होने की बात सामने आई है। एएसपी सिंह ने बताया कि फॉरेंसिक टीम के साथ मौके पर शीर्ष अधिकारियों ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। भदोही की पुलिस अधीक्षक (एसपी) मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि मंदिर में कई बार बार चोरी होने के साथ अराजक तत्वों के मंदिर परिसर में जमावड़े को लेकर मृतक पुजारी ने शिकायत की थी, जिसमें सुरयावा के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) बृजेश सिंह, उप निरीक्षक राम धनी यादव और आरक्षी मनोज सिंह व अशोक यादव की भारी लापरवाही सामने आई। इसकी वजह से चारों को सोमवार देर शाम निलंबित कर दिया गया है। कात्यायन ने बताया पुजारी की हत्या करने की वारदात का खुलासा करने को पांच टीम गठित की गई हैं।