हजरत अली के जुलूस-ए- विलादत में बही राष्ट्रवाद की धारा……

*और गहरे हो गये गंगा जमुनी तहजीब के रंग
*सभी धर्मों के मानने वालों की शिरकत ने दिया एकता का पैगाम

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। नगर में मौला अली का जश्न-ए विलादत धूमधाम के साथ ेमनाया गया। लालदरवाजा स्थित मस्जिद वारसिया में मीलाद ए मौला का आयोजन हुआ। इसके बाद रिवाइती अंदाज में मौला अली का जुलूस शानो शौकत के साथ निकाला गया। ढोल तासो के बीच शुरु हुए मौला अली के जुलूस में सबसे आगे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया गया। विद्वानों ने कहा कि जाति मजहब बाद में है पहले हम सब देश के नागरिक है, देश के सिपाही है, जिससे राष्ट्रीय धारा बह उठी। जुलूस के दौरान तोप से राष्ट्रीय ध्वज पर पुष्प वर्षा की गई।
जुलूस में राष्ट्रीय ध्वज के पीछे मजहबी परचम लहराते रहे। शहर काजी सैय्यद मुताहिर अली की सदारत में कार्यक्रम हुआ। जुलूस में तीन मरकजी गाडिय़ा, पांच घोड़े शामिल हुए। इसके अलावा सभी धर्मों के मानने वालों की शिरकत से गंगा जमुनी रंग और भी गहरा हो गया। कांगे्रस के पूर्व जिलाध्यक्ष आफताब हुसैन, मौलाना सैय्यद मेराज अली जाफरी, सूफी पप्पन मियां वारसी, मौलाना फरहत अली जैदी एक गाड़ी पर रहे। पूरे कार्यक्रम में नकाबत मौलाना फरहत अली जैदी ने की। घुमना चौराहा पर सैय्यद मेराज अली जाफरी ने तकरीर करते हुए कहा कि हजरत अली इस्लाम के सबसे बड़े मुहाफिज रहे। वक्त पर हमेशा ही उन्होंने इंसानियत की हिमायत की। घुमना चौराहे पर इस्लाम चौधरी, इकलाख खां ने स्वागत किया। चौक पर डा0 अरविन्द गुप्ता, अरुण प्रकाश तिवारी ददुआ, डा0 रामकृष्ण राजपूत, ज्ञानी गुरुवचन सिंह, संजय गर्ग, सीओ प्रदीप कुमार, शहर कोतवाल विनोद कुमार शुक्ला को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। अरुण प्रकाश तिवारी ददुआ ने कहा कि हमें हजरत अली के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। पक्के पुल पर मौलाना फरहत अली जैदी ने हजरत अली के जीवन पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि हजरत अली ने अपने हक को भी गरीबों में बांट दिया और लोगों की चुपचाप मदद करते रहे। इससे सीख मिलती है कि मदद छुप कर ही करनी चाहिए। चौक पर विलाल सफीकी ने कलाम पेश किया। जुलूस में इब्राहिम आबिदी, असगर अली जैदी, ईशान जैदी, रहबर आबिदी, मुदस्सर काजिमी ने कलाम पेश किये। रकावगंज तिराहे पर शहर काजी ने तकरीर की। जुलूस पर रास्ते भर पुष्पवर्षा होती रही। आफताब हुसैन ने जुलूस में शामिल होने वालों को धन्यवाद दिया। जुलूस थाना मऊदरवाजा के पास स्थित हजरत अब्बास की दरगाह में जाकर विराम को प्राप्त हुआ। इसके बाद कार्यक्रम हुआ। इस मौके पर मुनब्बर हुसैन, नफीस हुसैन, जाबेद हुसैन, फिरोज, इंतजार, परवेज हुसैन, तौकीर जैदी, रहबर अली, युसूफ, ताहिर, अंसार, सैफ अली आबिदी, मेराज सहित हजारों की तादात में लोग मौजूद रहे।

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