समृद्धि न्यूज़ अंबेडकर नगर। माननीय न्यायमूर्ति उच्चतम न्यायालय/कार्यकारी अध्यक्ष राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशों के क्रम में जनपद न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष राम सुलीन सिंह की अध्यक्षता में जिला कारागार में निरुद्ध विचाराधीन बंदियों की रिहाई हेतु विगत 18 सितंबर से आगामी 20 नवंबर तक अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी विशेष अभियान संचालित है।इस विशेष अभियान की आयोजन के क्रम में 18 अक्टूबर को जनपद न्यायालय में जनपद न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष श्री सिंह की अध्यक्षता में उनके विश्राम कक्ष में अपर जिला जज व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव कमलेश कुमार मौर्य,अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व डॉ सदानंद गुप्ता,अपर पुलिस अधीक्षक संजय राय व डिप्टी जेलर छोटेलाल सरोज की उपस्थिति में जिला कारागार में निरुद्ध विचाराधीन बंदियों को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध प्रारूप के आधार पर रिहाई की कार्रवाई कराने हेतु तृतीय बैठक का आयोजन किया गया।बैठक में उपस्थित जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा जिला कारागार की ओर से उपलब्ध कराए गए संभावित 17 विचाराधीन बंदियों की सूची में से 09 ऐसे बंदियों की अनुशंसा की गई जिनको इस विशेष अभियान के अंतर्गत रिहाई का लाभ दिया जा सकता है।माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के क्रम में इस विशेष अभियान में उन बंदियों की रिहाई के लिए प्रयास किए जाएंगे जो अधिकतम दो वर्ष की सजा की अवधि में कारागार में निरुद्ध हैं,जो अपने अपराध की आधी अवधि कारागार में व्यतीत कर चुके हैं, जो गंभीर बीमारी से ग्रसित या मानसिक रोग से ग्रसित बंदी हो, महिला विचाराधीन बंदी,दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 107, 109 या 151 के अंतर्गत हिरासत में हों,07 वर्ष की सजा के आरोपी ऐसे बंदी जिनकी आयु 19 से 21 वर्ष के मध्य है तथा जो अपनी सजा की एक चौथाई अवधि कारागार में व्यतीत कर चुके हैं, जमानती अपराध के आरोपी जो कारागार में सात दिन व्यतीत कर चुके हैं,दस वर्ष से अधिक एवं दस वर्ष से कम अवधि की सजा की आरोपी जो कारागार में 60 दिन व्यतीत कर चुके हैं,जिनके केस में पुलिस द्वारा न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया है तथा ऐसे विचाराधीन बंदी जिनकी जमानत सक्षम न्यायालय से हो चुकी है परंतु अपनी आर्थिक व सामाजिक स्थिति की वजह से वे न्यायालय में जमानतदार प्रस्तुत करने में असमर्थ हैं।अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी के विशेष अभियान के तहत अक्टूबर व नवंबर माह में प्रत्येक सप्ताह बंदियों की रिहाई हेतु बैठक आयोजित की जाएगी तथा बैठक में लिए गए निर्णय के आधार पर विचाराधीन बंदियों की रिहाई हेतु आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।