लाख कोशिशों के बाद भी उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में बाघों का आतंक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. खीरी में आदमखोर बाघ ने एक और किसान को मार डाला है. आतंक का पर्याय बन चुके बाघ ने 12 दिन बाद फिर एक ग्रामीण को खींच लिया. वन विभाग की टीमें लाठी-डंडों से कॉम्बिंग करती रह गईं और एक और जानलेवा हमला हो गया. वन विभाग की लापरवाही की वजह से आए दिन ग्रामीण अपनी जान गंवा रहे हैं. हैदराबाद थाना क्षेत्र के इमलिया गांव के पास खेत पर गए किसान को बाघ खींच ले गया. गन्ने के खेत से उसका क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ है. पास में ही किसान का मोबाइल फोन भी पड़ा मिला.हैदराबाद थाना क्षेत्र के गांव मूड़ा अस्सी के रहने वाले किसान शाकिर बुधवार को घर से खेत पर गए थे. यहां पहले से घात लगाए बैठा बाघ उन्हें झाड़ियों में खींच ले गया और अपना निवाला बना लिया. घटना की सूचना पुलिस और वन विभाग को दी गई है. वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. गांव वालों को खेतों की तरफ ना जाने की सलाह दी जा रही है. साथ ही आसपास के जगहों में बच्चों और बुजुर्गों को पूरी तरह से घर पर रहने के लिए कहा जा रहा है. गांववालों बाघ के डर से घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. दक्षिण खीरी के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) संजय बिस्वाल ने महेशपुर रेंज में दूसरी बार बाघ के हमले में एक व्यक्ति की मौत होने की पुष्टि की।इससे पहले, 27 अगस्त को एक अन्य ग्रामीण अंबरीश कुमार की भी कथित तौर पर बाघ के हमले में मौत हो गई थी। इन दुखद घटनाओं के बाद, राज्य के वन मंत्री अरुण कुमार ने स्थिति का आकलन करने के लिए क्षेत्र का दौरा करके वन अधिकारियों को बाघ को पकड़ने का निर्देश दिया। वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए गश्ती दल तैनात किए हैं, पिंजरे और कैमरे लगाए हैं और उसे बेहोश करने के लिए विशेषज्ञों को बुलाया है। हालांकि, भारी बारिश और जलभराव से उनके प्रयासों में बाधा उत्पन्न हुई है। स्थानीय लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।