पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत ने मेडल की संख्या में दहाई का आंकड़ा छू लिया है. 10वां मेडल पैरा-बैडमिंटन में आया. भारतीय पैरा-बैडमिंटन एथलीट तुलसीमति मुरुगेसन ने महिला एसयू5 कैटेगरी में सिल्वर मेडल अपने नाम किया. ये पैरालंपिक में उनका पहला मेडल है. वहीं, तुलसीमति मुरुगेसन पैरालंपिक में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी भी बन गईं. हालांकि, वह गोल्ड मेडल से चूक गईं, क्योंकि उन्हें फाइनल मुकाबले में चीन की यांग किउ जिया से हार का सामना करना पड़ा. जो पिछली बार भी गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रही थी.
तुलसीमति मुरुगेसन ने रच दिया इतिहास
तुलसीमति मुरुगेसन को भले ही फाइनल मैच में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन ये मैच उनके साथ-साथ पूरे देश के लिए काफी खास है. इससे पहले भारत की किसी भी महिला खिलाड़ी ने पैरालंपिक में मेडल नहीं जीत था. बता दें, फाइनल मुकाबले चीन की यांग किउ जिया के खिलाफ तुलसीमति मुरुगेसन ने शानदार शुरुआत की, लेकिन वह अपनी लय को बरकरार नहीं रख सकीं. ऐसे में उन्होंने पहले सेट 17-21 से हार मिली. वहीं, दूसरी रेस उन्होंने 10-21 से गंवा दिए, जिसके चलते उनके नाम सिल्वर मेडल रहा.
मनीषा रामदास ने जीता ब्रॉन्ज मेडल मैच
दूसरी ओर पैरा-बैडमिंटन की महिला एसयू5 कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल मैच मनीषा रामदास ने जीता, सेमीफाइनल मैच में तुलसीमति मुरुगेसन से हार गई थीं. ब्रॉन्ज मेडल मैच में मनीषा रामदास ने डेनमार्क की कैथरीन रोसेनग्रेन को हराया. उन्होंने इस मुकाबला का पहले गेम 21-12 से अपने नाम किया. वहीं, दूसरे गेम 21-8 से जीतकर ब्रॉन्ज मेडल मैच में बाजी मारी. उन्होंने दोनों की सेट में एकतरफा अंदाज में जीत हासिल की. इसी के साथ वह पैरालंपिक में मेडल जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं.