मेरापुर, समृद्धि न्यूज। संकिसा में बुद्ध पूर्णिमा महोत्सव का बुद्ध वंदना के साथ शुभारंभ किया गया। लोकविवरणा अभिधम्मा पावन स्थली संकिसा के धम्मालोको बुद्ध बिहार के विसाल सभागार में स्थापित बुद्ध प्रतिमा के सामने कार्यक्रम के आयोजक डॉ0 धम्मपाल महाथैरो व कर्मवीर शाक्य एवं रघुवीर शाक्य ने अगरबत्ती, मोमबत्ती जलाकर तथा पुष्प अर्पित कर 2567वीं वैशाखी बुद्ध पूर्णिमा महोत्सव का शुभारंभ किया।
वैशाखी बद्ध पूर्णिमा के पवित्र अवसर पर बुद्ध वन्दना के बाद आयोजक डॉ0 धम्मपाल महाथैरो के नेतृत्व में भिक्षु करमापा, भिक्षु संघतीर्थ, भिक्षु अश्व घोष थैरो व भिक्षु पण्डित थैरो ने सामूहिक रुप से परित्राण पाठ व धम्मपद का शुभारंभ किया। महोत्सव के आयोजक डॉ0 धम्मपाल महाथैरो ने बताया कि बुद्ध पूर्णिमा का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है।
वैशाखी बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इसी दिन उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था, महापरिनिर्वाण हुआ ज्ञान प्राप्त करने के बाद 80 वर्ष की आयु में उन्होंने अपना शरीर छोड़ा। इस जीवन तक भगवान बुद्ध ने 84000 उपदेश दिए, जिसमें से 1/3 भाग संकिसा का है। जिसे अभिधम्मपिटक बोलते हैं। जो विपसना पर आधारित है। विपसना जीवन जीने की कला है। जो भगवान बुद्ध ने उपदेश के रूप में सभी को दी थी। भगवान बुद्ध ज्ञान के सातवें वर्ष के बाद संकिसा आए थे। उस समय संकिसा के राजा दीर्घशक्र तथा 500 आह्रत भिक्षुओं को उपदेश दिये थे, वह उपदेश विपसना के आधारित है।