सोहावल तहसील में आयोजित किया गया महिला केंद्रित विधिक जागरूकता कार्यक्रम।

समृद्धि न्यूज़ अयोध्या।उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशा निर्देशन में जनपद न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष गौरव कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता तथा अपर जिला जज व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव शैलेन्द्र सिंह यादव की देख-रेख में शनिवार को विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।महिलाओं के हितों के संरक्षण हेतु महिला अधिकारों से सम्बन्धित इस महिला केन्द्रित कार्यक्रम का आयोजन सोहावल तहसील सभागार में किया गया।कार्यक्रम में प्राधिकरण सचिव श्री यादव द्वारा महिला अधिकारों के विषय पर विधिक रूप से जागरूक किया गया।उनके द्वारा मौजूद लोगों को महिला अधिकारों एवं पारिवारिक विधिक-विवाह, विवाह-विच्छेद,भरण-पोषण, सम्पत्ति के संबंध में महिलाओं के अधिकार तथा घरेलू हिंसा संबंधी प्राविधानों से महिलाओं को अवगत कराया गया।इसी क्रम में रिसोर्स पर्सन/अधिवक्ता श्रीमती श्वेताराज सिंह ने महिला कर्तव्यों के बारे में विधिक रूप जागरूक किया,सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं के बारे में बताया तथा दहेज-मृत्यु,ऐसिड अटैक, अपहरण,रेप,लैगिंक हिंसा, पाक्सों एक्ट संबंधी,कार्यस्थल पर महिलाओं के उत्पीड़न और मातृत्व अवकाश संबंधी विस्तृत जानकारी दी।इस दौरान महिला चिकित्सक श्रीमती फातिमा हसन द्वारा सर्वाईलक कैंसर,महिलाओं के स्वास्थ्य हाईजीन, पीएसपीएनडीटी एक्ट तथा गर्भ धारण के समय लिंग परीक्षण संबंधी जानकारी प्रदान की गयी। इसी क्रम में प्राधिकरण सचिव श्री यादव ने बताया कि समान पारिश्रमिक का अधिकार के अंतर्गत समान पारिश्रमिक अधिनियम के अनुसार अगर बात वेतन या मजदूरी की हो तो लिंग के आधार पर किसी के साथ भी भेदभाव नहीं किया जा सकता है।उन्होंने बताया कि कार्यस्थल पर छेड़छाड़/यौऩ उत्पीड़न से संरक्षण का अधिकार के अंतर्गत काम पर हुए यौन उत्पीड़न अधिनियम के अनुसार आपको यौन उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का पूरा अधिकार है।श्री यादव ने बताया कि घरेलू हिंसा के खिलाफ अधिकार का अधिनियम मुख्य रूप से पति,पुरूष लिव इन पार्टनर या रिश्तेदारों द्वारा एक पत्नी,एक महिला लिव इन पार्टनर या फिर घर में रह रही किसी भी महिला जैसे मां,बहन पर की गई घरेलू हिंसा से सुरक्षा करने के लिए बनाया गया है,आप या आपकी ओर से कोई भी शिकायत दर्ज करा सकता है। उन्होंने बताया कि मातृत्व संबंधी लाभ के लिए अधिकार के अंतर्गत मातृत्व लाभ कामकाजी महिलाओं के लिए सिर्फ सुविधा नही बल्कि ये उनका अधिकार है, मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत एक नई माँ के प्रसव के बाद 12 सप्ताह (तीन महीने) तक महिला के वेतन में कोई कटौती नहीं की जाती और वो फिर से काम शुरू कर सकती है।श्री यादव ने बताया कि कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अधिकार के अंतर्गत भारत के हर नागरिक का ये कर्तव्य है कि वो एक महिला को उसके मूल अधिकार जीने के अधिकार का अनुभव करने दें,गर्भाधान और प्रसव के पूर्व पहचान करने की तकनीकी (लिंग चयन पर रोक) अधिनियम कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अधिकार देता है।उन्होंने बताया कि मुफ्त कानूनी सहायता का अधिकार के अंतर्गत बलात्कार की शिकार हुई किसी भी महिला को मुफ्त कानूनी मदद पाने का पूरा अधिकार है,स्टेशन हाऊस आफिसर के लिए ये जरूरी है कि वो विधिक सेवा प्राधिकरण को वकील की व्यवस्था करने के लिए सूचित करे जबकि गरिमा एवं शालीनता से जीने का अधिकार के अंतर्गत किसी मामले में अगर आरोपी एक महिला है तो उस पर की जाने वाली कोई भी चिकित्सा जाँच प्रक्रिया किसी महिला द्वारा या किसी दूसरी महिला की उपस्थिति में ही की जानी चाहिए। श्री यादव ने बताया कि संपत्ति का अधिकार के अंतर्गत हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत नए नियमों के आधार पर पुश्तैनी सम्पत्ति पर महिला एवं पुरूष दोनो का बराबर हक है,आदि के बारे में जानकारी प्रदान की गयी और कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं के प्रश्नों के समाधान किया गया।कार्यक्रम में लीगल एड डिफेन्स काउसिंल के कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि यदि किसी महिला को यदि निःशुल्क अधिकवक्ता की आवश्यकता है तो वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रार्थना पत्र देकर निःशुल्क अधिवक्तता की सुविधा प्राप्त कर सकती है।यह कार्यक्रम राष्ट्रीय महिला आयोग के साथ समन्वय स्थापित कर नारी सशक्तीकरण के अधिकारों को समर्पित विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम में शैलेन्द्र सिंह यादव,अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, तहसीलदार सोहावल हेमंत कुमार गुप्ता,महिला रिसोर्स पर्सन/अधिवक्ता/सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती श्वेताराज सिंह,पराविधिक स्वंय सेवक,आंगनबाडी कार्यकत्रियों,आशा बहुओं,स्वंय सहायता समूहों,क्षेत्र की महिलाओं व अध्यापिकाओं, सहित 15 वर्ष की अधिक उम्र की छात्राओं सहित लगभग 60 महिलाओं ने प्रतिभाग किया तथा पराविधिक स्वंय अंशु निषाद व अष्टभुजी शुक्ला द्वारा महिला विधिक जानकारी संबंंधित पम्पलेट,पोस्टर बांटे गये जिसमें महिला विधिक जानकारी हेतु हेल्पलाईन नम्बर भी लिखे हुए थे।कार्यक्रम के अंत में न्यायिक अधिकारियों व अन्य लोगों द्वारा पौधारोपण भी किया गया।

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