फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। सेवा परमो धर्म फाउंडेशन के तत्वाधान में शहर के पाण्डेश्वर नाथ मंदिर में श्रीमद् भागवत महापुराण कथा बजरंगी महाराज ने अपने मुखारबिन्दु से धु्रव, प्रहलाद चरित्र एवं समुद्र मंथन एवं बलि वामन भगवान के साथ राम-कृष्ण की कथा का वर्णन किया। पाण्डेश्वरनाथ मंदिर में चल रही कथा में बजरंगी महाराज ने कहा कि देवकी के ६ पुत्रों की कंस द्वारा हत्या की जाती है। उसके जब स्वयं नारायण ने जन्म लेने के लिए देवकी के गर्व में अंश रुप में प्रवेश किया तो ब्रह्मा आदि देवताओं ने स्तुति की। माता देवकी को ईश्वर की उपस्थिति का आभास हो गया था। इसलिए उनका मन शांत था। जब भगवान कृष्ण के जन्म का समय आया तो प्रकृति सभी गुणों से मुक्त होकर सर्वण शोभायमान हो रहा था। गृह नक्षत्रों का उपद्रव शांत था। ऐसे में असुर कंस भयभीत था। सभी दिशाये आकाश, पृथ्वी निर्मल होकर कार्यरत थे। नदिया प्रसन्न थी, वायु का स्पर्श सुखर था। हम सबको अपने जीवन में कृष्ण को लाना चाहिए। हमें स्वयं के आचरणों को पवित्र करना होगा। कृष्ण का अर्थ है कर्षपति इति कृष्ण यानी जो आकृर्षित करें, लेकिन आपको स्वयं ईश्वर को आकर्षित करना होगा। इसके लिए सदाचरण की आवश्यकता है। कृष्ण जन्म कथा सुन श्रोता मंत्रमुग्ध हो गये। फाउंडेशन के अध्यक्ष के केदार शाह व पंकज पाठक, आदित्य राना ने व्यवस्था देखी। आचार्य संजीव मिश्रा, आचार्य प्रदीप बाजपेयी ने वैदिक विधान से पूजन अर्चन कराया। अतुल रस्तोगी ने यजमान के रुप में पूजन किया। आरती व प्रसाद वितरण के साथ कथा का समापन हुआ।