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पूर्व RTO कांस्टेबल के घर लोकायुक्त की छापेमारी, मिला नोट गिनने की मशीन, चांदी की ईंटों का ढेर, सोना और कैश

मेंडोरी गांव के पास एक छोड़ी हुई गाड़ी से 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपए मिले हैं।

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पूर्व आरटीओ कांस्टेबल के घर लोकयुक्त पुलिस ने छापा मारा है. कार्रवाई में करोड़ो की नकदी और बड़ी मात्रा में सोने चांदी के जेवर मिले है, जिसे देखकर लोकायुक्त की टीम हैरान हो गई. देर रात तक चली छापामार कार्रवाई में आयकर विभाग के आरक्षक सौरभ शर्मा के ठिकानों से टीम को 2.85 करोड़ रुपए नकद, 60 किलो चांदी, 50 लाख रुपये के सोने-हीरे के जेवर, 4 एसयूवी, कई प्रॉपर्टी के दस्तावेज और नोट गिनने की 7 मशीनें मिली हैं. पूरी सर्च के दौरान टीम को सबसे ज्यादा हैरान चांदी की सिल्लियों और नोट गिनने की बड़ी मशीनों ने किया है. परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत के आधार पर लोकायुक्त पुलिस ने गुरुवार सुबह उनके भोपाल की ई-7 अरेरा कॉलोनी स्थित घर और दफ्तर पर छापा मारा था. सौरभ शर्मा ने सात साल नौकरी कर बीआरएस ले लिया था. घर पर केवल मां, पत्नी और बच्चे थे. मां ने टीम को बताया कि सौरभ जयपुरिया स्कूल की फ्रेंचाइजी के सिलसिले में मुंबई गए हैं. लाेकायुक्त की टीम हवाला के एंगल से भी जांच कर रही है. लोकायुक्त टीम के मुताबिक घर पर 4 लग्जरी गाड़ियां मिली हैं. इनमें एक फोर्स कंपनी की वैन भी है. गाड़ियों की तलाशी के दौरान वैन में एक बैग मिल, इसमें टीम को 82 लाख रुपए नकद मिले. इसके अलावा टीम को घर की अलमारियों से 1.15 करोड़ रुपये और दफ्तर से 1.70 करोड़ रुपए नकद मिले हैं. उन्हें 50 लाख रु. के सोने-हीरे के जेवर व दफ्तर से चांदी की 60 किलो की सिल्लियां मिलीं हैं. सौरभ के पिता आरके शर्मा सरकारी डॉक्टर थे. 2015 में उनके निधन के बाद सौरभ को परिवहन विभाग में अनुकंपा नियुक्ति मिली थी. सात साल की नौकरी के बाद सौरभ ने वीआरएस ले लिया, फिर कंस्ट्रक्शन लाइन पकड़ ली. शर्मा को अपने पिता की मौत के बाद अनुकम्पा नियुक्ति पर परिवहन विभाग में नौकरी मिली थी। 12 साल की नौकरी के दौरान उनकी जीवनशैली और संपत्ति में भारी बदलाव आया। इससे लोगों को शक हुआ। अधिकारियों से टकराव और आरक्षित ज़मीन पर बने एक स्कूल को लेकर शिकायतों के बाद शर्मा ने जल्दी रिटायरमेंट ले लिया। वे रियल एस्टेट के काम पर ध्यान देना चाहते थे। शर्मा और गौर दोनों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। एक साधारण RTO कांस्टेबल से करोड़ों की संपत्ति का मालिक बनने की कहानी लोगों के लिए हैरान करने वाली है। यह देखना होगा कि जांच के बाद क्या नतीजे सामने आते हैं। क्या सच में इतनी बड़ी रकम और सोना शर्मा और गौर का है? यह जांच के बाद ही पता चलेगा। फिलहाल लोकायुक्त की टीम मामले की गहराई से जांच कर रही है। इस मामले ने लोगों को हैरान कर दिया है। एक छोटे से पद पर रहकर इतनी बड़ी संपत्ति कैसे बनाई जा सकती है, यह सवाल सबके मन में है।

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