फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय में भगवान विष्णु के छठे अवतार एवं वैदिक संस्कृत के रक्षक और प्रचारक भगवान परशुराम का जन्मोत्सव मनाया गया। प्रधानाचार्य धर्मवीर सिंह ने भगवान परशुराम के चित्र पर दीप प्रज्जवलन एवं पुष्पाअर्चन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
छात्र-छात्राओं एवं आचार्यों ने भगवान परशुराम के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला और उनके बताएं मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। प्रधानाचार्य धर्मवीर सिंह ने बताया कि परशुराम भगवान विष्णु के दस अवतारों में से एक थे, जो महाभारत और पुराणों में दर्ज है। परशुराम का जन्म एक ब्राह्मण ऋषि से हुआ था। जमदग्नि और राजकुमारी रेणुका क्षत्रिय वर्ग के सदस्य थे, जब जमदग्नि को रेणुका पर अपवित्र विचार का संदेह हुआ तो उन्होंने परशुराम को उसका सिर काटने का आदेश दिया, जो आज्ञाकारी पुत्र ने किया। वह बुराई को हराकर संतुलन और धर्म को बहाल करने के लिए जाने जाते हैं। सभी छात्र-छात्राओं को प्रधानाचार्य ने संदेश दिया कि हमें भी विपरीत परिस्थितियों में अपने धर्म पर चलकर बुराई को परास्त कर सद मार्ग पर चलना चाहिए। इस अवसर पर प्रदीप अवस्थी, वीरेश, आलोक सिंह कुमार, रामानंद पांडे, प्रदीप कुमार शर्मा, प्रदीप कुमार सिंह, कृष्ण कुमार, सर्वेश शुक्ला, संजीव शाक्य, बृजपाल सिंह, शिवमोहन, शिवकुमार, रजनीश मिश्रा आदि रहे।
सरस्वती शिशु मंदिर में धूमधाम से मनाया गया भगवान परशुराम का जन्मोत्सव
