फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। मधुक्रांति बीफार्मर्स वेलफेयर सोसायटी द्वारा प्रधानमंत्री सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा गया। ज्ञापन में दर्शाया गया कि सभी ब्रांडेड शहद निर्यात कम्पनियों द्वारा मिलावट की जांच हेतु स्वतंत्र एसआईटी गठित करने तथा पालक, शहद उत्पादक किसानों की शहद खरीददारी शुरु करायी जाये। सोसायटी ने मांग की है कि मौन पालन आज बहुत ही बूरे दौर से गुजर रहा है। क्योंकि मधुमक्खी पालकों के शुद्ध शहद का बाजार में कोई खरीददार नहीं है। बाजार में धड़ल्ले से मिलावटी शहद बिक रहा है और निर्यात भी हो रहा है। वर्ष २०२२-२३ में लगभग ५० हजार टन का मौन पालन द्वारा उत्पादन हुआ था। जबकि निर्यात ८ हजार टन हुआ। वर्ष २०२३-२४ में शहद का निर्यात १ लाख ८ हजार टन हुआ है। देश में शहद का उत्पादन लगभग ५० हजार टन हुआ। तो ८० हजार टन और १ लाख ८ हजार टन का निर्यात कैसे हुआ है। सभी ब्राडेंड कम्पनियां निर्यातक शहद की खरीददारी पिछले तीन महीने से बंद कर रखी है। मधुमक्खी पालकों का शहद बिक नहीं रहा है। भीषण गर्मी में कृत्रिम फीड देने में असमर्थ है। ऐसे में निर्यातक कम्पनियों के मिलावट की जांच हो और एसआईटी गठित की जाये। साथ ही किसानों का शहद की खरीददारी कराये जाने की मांग की है। साथ ही दस सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया है। इस मौके पर राजकुमार, अनूप कुमार, दिनेश, आलोक अग्निहोत्री, संजीव, कुनाल आदि लोग मौजूद रहे।