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हत्या के मामले अभियुक्त को आजीवन कारावास

एक लाख बीस हजार रुपए के अर्थदंड से किया गया दंडित
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। अपर जिला जज विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट डॉ0 अनिल कुमार सिंह ने हत्या के मामले में सुदामा पुत्र देवीदयाल निवासी दीनदयाल बाग फर्रुखाबाद को दोषी करार देते हुए हुए न्यायिक हिरासत में लेकर आजीवन कारावास से दंडित किया है।
जानकारी के अनुसार बीते 20 वर्ष पहले शहर कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले रामकिशोर कालीचरण निवासी दीनदयाल बाग फर्रुखाबाद ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि 29 सितंबर 2005 कि मेरे चाचा सूबेदार गांव के पूर्व खेत पर मक्का की फसल की रखवाली कर रहे थे। रात करीब 2:00 बजे मेरे पेट में अचानक दर्द हुआ तब मैं गांव के बाहर खेत में शौच करने के लिए गया था। उसी समय अचानक फायर की आवाज हुई और मेरे चाचा सूबेदार चिल्लाए तब मैंने कहा कि आ रहा हूँ। इतने पर फिर दो फायर हुए। मैं जब खेत के पास पहुंचा और टार्च की रोशनी में देखा, तो सूबेदार को गोली मारते हुए मेरे ही गांव के सुदामा व उसके साथी भाग रहे थे, तभी घटना के बाद गांव के बहुत से लोग आ गये। पास जाकर देखा, तो चाचा सूबेदार की लाश पड़ी थी। उनके चेहरे, गर्दन व शरीर पर काफी चोटें थीं। करीब 18 साल पहले मेरे गांव के सर्वेश की हत्या हो गई थी। जिसमें उनके परिवार वालों ने सूबेदार को गलत फंसा दिया था। इसका मुकदमा भी अदालत में 7 साल पहले छूट गया चुका है। फिर भी सर्वेश के परिवार वाले अंदर ही अंदर सूबेदार से रंजिश मानते थे। इसी रंजीश के कारण सुदामा ने ही अपने साथियों के साथ सूबेदार की हत्या कर दी थी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया। विवेचक ने साक्ष्य गवाह के आधार पर मनोज, मुकेश व सुदामा के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया। बचाव पक्ष की दलील व शासकीय अधिवक्ता कृष्ण कुमार पांडे की पैरवी के आधार न्यायाधीश डॉ0 अनिल कुमार मिश्रा ने सुदामा को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व एक लाख बीस हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। साक्ष्य के अभाव से मनोज व मुकेश को दोष मुक्त कर दिया गया।

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