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राज्यपाल से समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रतिनिधियों ने प्रेस संवाद कार्यक्रम में की मुलाकात

(अमिताभ श्रीवास्तव)
समृद्धि न्यूज़ लखनऊ। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से आज राजभवन में प्रमुख समाचार-पत्रों एवं प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों ने प्रेस संवाद कार्यक्रम में मुलाकात की।इस अवसर पर पत्रकारों के सवालों के जबाब देते हुए राज्यपाल जी ने विभिन्न मुद्दो पर अपनी बात रखी,जिसमें अनौपचारिक चर्चा और सौहार्दपूर्ण वातावरण में विचारों का आदान प्रदान हुआ।
एक पत्रकार ने राज्यपाल से उनके शिक्षिका से राजनीति तक के सफर की प्रेरणादायक यात्रा के बारे में जानना चाहा। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षिका के रूप में समाज को शिक्षित करने का जो अनुभव मिला, उसने उन्हें राजनीति में भी सही दिशा में कार्य करने की प्रेरणा दी।उन्होंने इसे जीवन का ऐसा अनुभव बताया जिसने उन्हें हर भूमिका में अनुशासन और सेवा का महत्व सिखाया।उन्होंने महिलाओं और बच्चों की समस्याओं को करीब से देखा, जिसने उन्हें राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया।गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल और अब उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के रूप में राजभवन को वह कैसे देखती हैं?इस पर राज्यपाल जी ने कहा कि दोनों भूमिकाएं भले ही अलग हैं,लेकिन उनका उद्देश्य एक ही है।समाज की भलाई।उन्होंने कहा कि राजभवन को वह एक ऐसा मंच मानती हैं जहां से शिक्षा,स्वास्थ्य और जनसेवा से जुड़े मुद्दों पर दूरगामी प्रभाव डाला जा सकता है।अनुशासन और समर्पण के साथ किए गए कार्यों से सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।राजभवन द्वारा शिक्षा और सामाजिक उत्थान के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
राज्यपाल के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालय बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं,फिर भी प्रदेश के बच्चे अपने विश्वविद्यालयों के बजाय बाहर पढ़ाई करना क्यों पसंद करते हैं?प्रश्न पर राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए निरंतर प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में रोजगारपरक शिक्षा और शोध को बढ़ावा देकर इस स्थिति में बदलाव लाया जा रहा है।अब उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालय राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।नैक और एन0आई0आर0एफ0 रैंकिंग में विश्वविद्यालयों का प्रदर्शन उत्कृष्ट हो रहा है। विश्वविद्यालयों द्वारा डिजिलॉकर में डिग्रियां अपलोड की जा रही हैं,जिससे विद्यार्थियों के धन और समय की बचत हो रही है।राज्यपाल की छवि एक सख्त प्रशासक के रूप में है,लेकिन जो लोग उनसे मिलते हैं,वे बताते हैं कि वह बेहद उदार और संवेदनशील हैं।क्या उत्तर प्रदेश की परिस्थितियों ने उन्हें सख्त रवैया अपनाने के लिए प्रेरित किया है?प्रश्न पर राज्यपाल ने मुस्कुराते हुए कहा कि अनुशासन और दृढ़ता उनके व्यक्तित्व का हिस्सा हैं,लेकिन इसका उद्देश्य हमेशा बेहतर परिणाम सुनिश्चित करना होता है।राज्यपाल बनने के बाद से राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने और भारत सरकार की योजनाओं की समीक्षा को किस तरह देखा है?पर राज्यपाल ने कहा कि यह उनकी जिम्मेदारी है कि शिक्षा और जनकल्याणकारी योजनाएं सही तरीके से लागू हों।उन्होंने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों को आत्मनिर्भर और उत्कृष्ट बनाने के लिए किए गए प्रयास उनके लिए संतोषजनक हैं और वह इसे एक उपलब्धि मानती हैं।उन्होंने बताया कि आंगनवाड़ी केंद्रों को सशक्त बनाने,टी0बी0 मरीजों के पोषण,और सर्वाइकल केंसर से बचाव के लिए टीकाकरण में भी राजभवन का महत्वपूर्ण योगदान है।विश्वविद्यालयों में दीक्षांत समारोह के दौरान छोटे बच्चों को आमंत्रित किया जाता है,जिससे वे प्रेरणा लें और शिक्षा का महत्व समझें।प्रदेश के विश्वविद्यालयों की प्रकृति अलग अलग है।ऐसे में सभी विश्वविद्यालयों में एक समान पाठ्यक्रम कैसे लागू हो सकता है?पर राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य शिक्षा में समानता और गुणवत्ता सुनिश्चित करना है।पाठ्यक्रम का निर्धारण छात्रों की क्षेत्रीय आवश्यकताओं और भविष्य की मांगों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार के 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम सरकार द्वारा तय किया जाता है,जबकि 30 प्रतिशत पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय अपनी जरूरतों के अनुसार बनाते हैं।गुजरात मॉडल और उभरते हुए यू0पी0 मॉडल में अंतर के बारे में पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात मॉडल ने अपनी अलग पहचान बनाई है,जबकि यू0पी0 मॉडल अब तेजी से प्रगति कर रहा है।जहा पर अच्छा कार्य हो रहा है उससे सीखना चाहिए।उन्होंने यूपी में शिक्षा,स्वास्थ्य, और पर्यटन क्षेत्र में हो रहे सुधारों को रेखांकित करते हुए कहा कि यूपी मॉडल की सबसे बड़ी ताकत यहां की विविधता और स्थानीय संसाधनों का सही उपयोग है।उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियां अलग हैं।तुलना के बजाय दोनों राज्यों को एक-दूसरे से सीखना चाहिए।अब बेटियां भी शिक्षा प्राप्त कर आत्मनिर्भर बन रही हैं और देश के निर्माण में योगदान दे रही हैं।जब प्रदेश के मुख्यमंत्री राजभवन आते हैं,तो उनके साथ किस प्रकार की चर्चा होती है?पर राज्यपाल ने बताया कि वह जनहित से जुड़े मुद्दों, खासकर पीड़ितों की वास्तविक समस्याओं,पर मुख्यमंत्री से चर्चा करती हैं और समाधान सुनिश्चित करती हैं।राज्यपाल से उत्तर प्रदेश में हो रहे बदलावों के बारे में पूछा गया।उन्होंने कहा कि पर्यटन,कृषि,शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में बड़े बदलाव आए हैं।ऑर्गेनिक खेती में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है और उत्पादन व बिक्री में सुधार हुआ है।सरकार इन क्षेत्रों में रुचि लेकर काम कर रही है,जिससे प्रदेश की तस्वीर बदल रही है।प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रदेश के छात्रों के प्रदर्शन पर राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों से स्थिति में सुधार हो रहा है।उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा को रोजगारपरक बनाने और छात्रों को बेहतर मार्गदर्शन प्रदान करने पर लगातार काम हो रहा है।राज्यपाल ने कहा कि ग्रामीण महिलाओं की जागरूकता बढ़ाने के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य कार्यक्रमों की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि मेनोपॉज से संबंधित पाठ्यक्रम तैयार करें,ताकि बेटियों को इस विषय में शिक्षित और जागरूक किया जा सके।जब बेटियों जागरूक होंगी तभी वे अपने परिवार की महिलाओं को जागरूक कर पायेंगी।राज्यपाल ने हाल ही में नालंदा विश्वविद्यालय के भ्रमण की चर्चा करते हुए कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय में वर्षा के जल के संरक्षण और बिजली बचत की उत्कृष्ट व्यवस्था की गयी है।वहां के नवनिर्माण से प्रेरणा लेनी चाहिए।उन्होंने मुख्यमंत्री से चर्चा की कि इस मॉडल को प्रदेश के स्कूलों और अस्पतालों में भी लागू किया जा सकता है।कार्यक्रम की शुरुआत अपर मुख्य सचिव राज्यपाल,डॉ0 सुधीर महादेव बोबडे के स्वागत भाषण से हुई।उन्होंने बताया कि यह संवाद राज्यपाल की पहल पर आयोजित किया गया है, जिसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा,स्वास्थ्य और राजभवन में हो रहे नवाचारों और सुधारों की जानकारी, विश्वविद्यालयों में रैंकिंग सुधारने, डिजिटल सुविधाओं को बढ़ावा देने और पाठ्यक्रम में समानता सुनिश्चित करने के प्रयास,टीबी मरीजों के लिए पोषण सामग्री और देखभाल कार्यक्रम, सर्वाइकल कैंसर टीकाकरण अभियान और महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान,जन कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा और उनके प्रभावी कार्यान्वयन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को साझा करना है।
उन्होंने बताया कि राजभवन द्वारा शिक्षा,आंगनवाड़ी केंद्रों के सशक्तिकरण,टी0बी0 मरीजों को गोद लेने और सर्वाइकल कैंसर टीकाकरण जैसे प्रयासों को प्राथमिकता दी जा रही है।इसके अलावा,“भिक्षा से शिक्षा की ओर“ अभियान के तहत,बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कर स्कूलों में दाखिला दिलाने और उनकी शिक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।उन्होंने यह भी बताया कि राज्यपाल द्वारा प्रारम्भ किया गया ‘टीबी मुक्त अभियान‘ जो पहले मध्य प्रदेश में लागू हुआ था,अब उत्तर प्रदेश में भी सफलतापूर्वक संचालित हो रहा है।इस कार्यक्रम को प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की घोषणा की गयी है।राज्यपाल के स्पष्ट और प्रेरणादायक उत्तरों ने संवाद को एक सार्थक दिशा प्रदान किया। सभी उपस्थित प्रतिनिधियों को उपहार स्वरूप राज्यपाल के भाषणों पर आधारित ‘लोकहित के मुखर स्वर‘, त्रैमासिक पत्रिका ‘उमंग‘ और राजभवन में हुए नवाचारों पर आधारित ‘हमारा राजभवन‘ पुस्तकें प्रदान की गयी।इसके बाद सभी पत्रकार बंधुओं ने राजभवन का भ्रमण किया और वहां किए गए नवाचारों के संबंध में जानकारी प्राप्त की।

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