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भगवान श्रीराम के मंदिर के लोकार्पण के पर 14 जनवरी से 22 जनवरी तक प्रदेश के सभी जिलों के अध्यात्मिक स्थलों/मंदिरों में संस्कृति विभाग द्वारा कराया जाएगा भजन कीर्तन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

पर्यटन मंत्री ने सांसदों,विधायकों व अन्य निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से सहयोग एवं मार्गदर्शन का किया अनुरोध।
अमिताभ श्रीवास्तव। समृद्धि न्यूज़ लखनऊ। अयोध्या में आगामी 22 जनवरी को भगवान श्रीराम के मंदिर के लोकार्पण का कार्यक्रम प्रस्तावित है।इस परिपेक्ष्य में प्रदेश के सभी 75 जिलों के अध्यात्मिक स्थलों, मंदिरों में मकर संक्रांति 14 जनवरी से मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी तक रामकथा, रामायण पाठ,हनुमान चालिसा, भजन कीर्तन एवं रामलीला आदि का मंचन संस्कृति विभाग की ओर से कराया जायेगा।

इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश विगत 21 दिसम्बर को जारी किये गये हैं। इसके अलावा सांसद,विधायक एवं विधान परिषद,मेयर,अध्यक्ष जिला पंचायत,ब्लाक प्रमुख, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद/नगर पंचायतों को व्यक्तिगत रूप से अवगत कराते हुए सक्रिय सहयोग की अपेक्षा की गई है।प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने 14 जनवरी से 22 जनवरी तक संस्कृति विभाग द्वारा सम्पादित किये जाने वाले समस्त कार्यक्रमों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अवगत कराते हुए इस संबंध में और बेहतर किये जाने के लिए मार्गदर्शन एवं दिशा निर्देश का अनुरोध किया है।यह जानकारी देते हुए शुक्रवार को पर्यटन मंत्री ने बताया कि मकर संक्रांति से 22 जनवरी तक की अवधि में अयोध्या के चार मंचों पर रामायण एवं उससे जुड़े प्रसंगों पर आधारित विदेशी कलाकारों द्वारा रामलीला,नृत्य नाटिकायें,रामकथा का वाचन, प्रवचन,भजन तथा लोक कलाओं पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किये जायेंगे।इन कार्यक्रमों हेतु कलाकारों का चयन संस्कृति विभाग द्वारा जारी कार्यालय आदेश के अनुसार कराया जायेगा।मंत्री श्री सिंह ने बताया कि भारत के सामाजिक मूल्य, जीवन में स्थापित भगवान श्रीराम के उच्च मापदंड,सनातन संस्कृति के प्रेरणा श्रोत हैं।उन्होंने बताया कि भारत के गौरवशाली अतीत एवं समृद्ध विरासत सनातन परम्परा के मूल आधार है, इसीलिए भारतीय जीवन दर्शन को इस ब्रहमाण्ड में सबसे आदर्श तत्व की श्रेणी में रखा गया है। आज की युवा पीढ़ी को इन उच्च आदर्शों एवं आदर्श जीवन मूल्यों, त्याग,बलिदान एवं कर्तव्य परायणता की प्रेरणा देने के लिए भगवान श्रीराम के वांगमय से जुड़ना चाहिए।पर्यटन मंत्री ने बताया कि विदेशी कलाकारों को भगवान श्रीराम के जीवन के विविध पहलुओं से जोड़ना है तथा उनके आदर्श जीवन को मंच पर प्रस्तुत कराने का उद्देश्य भारत की समृद्ध संस्कृति विरासत का विदेशी समुदाय से साझा करना है।विश्व को यह भी बताना है कि भारत के आदर्श जीवन मूल्यों के कारण ही सदियों से इसे विश्व गुरू कहा जाता रहा है और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल मार्गदर्शन में भारत पुनः विश्वगुरू के स्थान पर प्रतिष्ठित होगा।उन्होंने देशवासियों एवं देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं से भगवान श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए अपील भी की है।

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