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न्यायालय के आदेश पर चाचा सहित पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज….

धोखाधड़ी कर चाचा ने भतीजे के डकारे डेढ़ लाख रुपए

मेरापुर । थाना क्षेत्र के गांव गुरुऊशादी नगर निवासी शीलेंद्र पुत्र योगेंद्र सिंह ने 4/32 शमशेर अली खानी फतेहगढ़ निवासी जयनेंद्र सिंह पुत्र शालिकराम व नन्हीं देवी पुत्री स्वर्गीय संजीव व जनपद शाहजहांपुर के गांव नगरिया पोस्ट गुलरिया निवासी पुष्पेंद्र पुत्र सत्यपाल तथा जनपद मैनपुरी थाना भोगांव क्षेत्र के गांव मक्खनपुर निवासी भूप सिंह पुत्र राधेश्याम एवं एक व्यक्ति नाम पता अज्ञात के खिलाफ न्यायालय के आदेश पर धोखाधड़ी व गाली गलौज तथा मारपीट करने एवं जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया है।

आरोप है कि शैलेंद्र के परिवारिक चाचा जयनेंद्र सिंह का 4/33 मोहल्ला शमशेर अली खानी परगना पहाड़ा तहसील सदर जनपद फर्रुखाबाद में पैतृक मकान था। शीलेंद्र ने उक्त मकान को दो लाख रुपए में खरीदने के लिए तय किया था।

बात तय होने के बाद शीलेंद्र ने 10 जनवरी 2022 को मकान पर बिना कब्जा किए मकान खरीदने हेतु अनुबंध पत्र लिखाया था।
शीलेंद्र ने जयनेंद्र को बयाना के रूप में रूप में डेढ़ लाख रुपए दे दिए।
शेष 50,000 रुपए बैनामे के वक्त देने की बात तय हुई थी बैनामा कराए जाने का 6 माह का समय दिया था। परंतु वक्त बैनामा तय समय से पहले ही उपरोक्त आरोपित जयनेंद्र सिंह ने नन्हीं देवी, पुष्पेंद्र,भूप सिंह के साथ षड्यंत्र कर रुपए हड़पने की नियत से 19 जनवरी 2022 को एक फर्जी भवन दान अनुबंध पत्र तैयार करवा लिया। जब यह जानकारी शीलेंद्र को हुई तो शीलेंद्र ने जयनेंद्र से बैनामा करने की बात कही तो वह टालमटोल करते रहे परंतु बैनामा नहीं किया और खुन्नस मानने लगे।
23 जून 2022 को उपरोक्त आरोपित जयनेंद्र सिंह, भूप सिंह, पुष्पेंद्र सिंह व इनका एक नाम पता अज्ञात साथी एक राय होकर गाली गलौज करते हुए शैलेंद्र के घर में घुस आए जब शीलेंद्र व शीलेंद्र के पिता ने गाली देने का विरोध किया तो उपरोक्त आरोपित पिता पुत्र के साथ लात घूँसों से मारपीट करने लगे शीलेंद्र के भाई कौशलेंद्र ने उक्त लोगों को ललकारा तभी आरोपित जान से मारने की धमकी देकर मौके से चले गए। घटना की शिकायत थाना पुलिस व पुलिस अधीक्षक से की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई तब जाकर शैलेंद्र ने न्यायालय की शरण ली। न्यायालय के आदेश पर मेरापुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मुकदमे की जांच संकिसा चौकी इंचार्ज अच्छेलाल पाल को सौंप दी।

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