श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास ने सुनाई राजा परीक्षित की कथा

फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। कृष्णा नगर कॉलोनी कादरीगेट में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस पर आचार्य सुनील शुक्ला ने श्रीमद् भागवत कथा के सुंदर चित्रों का वर्णन किया। उन्होंने बचपन से तेरी मेरी यारी चले आना मुरारी भजन सुनाकर भक्तों को भाव विभोर कर दिया। आचार्य सुनील शुक्ला ने राजा परीक्षित की कथा सुनाई।
द्वापर युग में परीक्षित नाम के एक राजा थे, जो बहुत ही न्याय प्रिय और अपनी प्रजा के प्रति निष्ठावान थे। राजा परीक्षित धनुर्धर अर्जुन के पौत्र और वीर अभिमन्यु के पुत्र थे। वह एक बार जंगल में शिकार करने गए, जहां उन्होंने शमीक ऋषि मौन अवस्था में ध्यान कर रहे थे। राजा परीक्षित शमीक ऋषि से पीने के लिए पानी मांगते हैं, लेकिन ऋषि ध्यान में थे इसलिए वह राजा की बात का कोई उत्तर नहीं देते। राजा परीक्षित के सिर पर स्वर्ण मुकुट पर विराजमान कलियुग के प्रभाव से राजा ने इस अपना अपमान समझा। गुस्से के कारण राजा परीक्षित उनके गले में मरा हुआ सांप डाल देते हैं। जब इस बात का पता शमीक ऋषि के पुत्र श्रृंगी ऋषि को लगता है तो वह क्रोध में आकर राजा परीक्षित को श्राप दे देते हैं। अपने पिता के अपमान पर ऋषि श्रृंगी राजा परीक्षित को यह श्राप देते हैं कि 7 दिन में नाग राज तक्षक उन्हें डस लेगा और उनकी मृत्यु हो जाएगी। श्राप के कारण राजा को 7 दिन के बाद नाराराज तक्षक ने डस लिया और उनकी मृत्यु हो गई। राजा परीक्षित की मृत्यु के बाद से ही कलयुग की शुरुआत मानी जाती है। इस मौके पर जितेंद्र कुमार मिश्रा, सुआ लाल, आनंद मिश्रा, वरुण पाण्डेय, आशीष, सुनील तिवारी, जितेंद्र सिंह, शिवम् त्रिपाठी, बबलू छोटे आदि लोग मौजूद रहे हैं।

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