दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट मे एक को 7 साल कि सजा

दुष्कर्म में दो भाई दोषमुक्त एक को सात साल की सजा साठ हजार रुपये किया गया जुर्माना

विशेष अदालत पाक्सो एक्ट के न्यायाधीश प्रेम शंकर ने किशोरी को बहला कर अपने साथ ले जाने के बाद दुष्कर्म करने के मुकदमे में दो भाइयों को दोषमुक्त कर दिया है। एक भाई को दोषी पाकर सात साल की सजा सुनाई है। 60 हजार रुपये जुर्माना किया है। जुर्माना अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतने का आदेश दिया है। जुर्माना जमा होने पर उसका आधा धन पीड़िता को दिए जाने का आदेश दिया है।
कमालगंज थाना क्षेत्र के एक ग्रामीण की 15 वर्षीय पुत्री अपनी सहेली के साथ 26 अगस्त 2013 को शौच के लिए खेत गई थी। वहीं से गांव मोहनपुर दीनारपुर निवासी रवि कुमार, अपने भाई पप्पू, रूपेश व दोस्त रामशरन के सहयोग से किशोरी को अपने साथ ले गया था। पिता ने पुत्री को ले जाने का मुकदमा तीन भाई समेत चार के खिलाफ दर्ज कराया था। पुलिस ने जांच में किशोरी को बरामद कर लिया। उसका मेडिकल कराया। जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई। पुलिस ने चारों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान आरोपी रामशरन की मौत हो गई। तीन भाइयों के खिलाफ कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई हुई। बचाव पक्ष के वकील व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विकास कटियार, अनुज कटियार, प्रदीप सिंह ने दलीले पेश की। सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायाधीश ने आरोपी दो भाइयों पप्पू व रूपेश को साक्ष्य के अभाव में मुकदमे से दोषमुक्त कर दिया है। किशोरी को ले जाने व दुष्कर्म करने के जुर्म में रवि को दोषी पाकर सजा और जुर्माने से दंडित किया है।

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