मेला रामनगरिया के सांस्कृतिक पाण्डाल में काव्य समारोह का हुआ आयोजन

मेला प्रभारी ने शाल ओढ़ाकर कवियों का किया सम्मान
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज।
मेला श्री राम नगरिया के सांस्कृतिक पांडाल में स्थानीय कवि सम्मेलन का अयोजन हुआ। बुधवार रात को पांचाल घाट गंगा तट पर विगत वर्षों की भांति सम्मेलन हुआ। अध्यक्षता कवि सत्यपाल सिंह प्रगल्भ ने की।
उन्होने राम का विग्रह प्राण प्रतिष्ठा, अद्भुत ललित ललाम, राम टाट से ठाट में आए, मन्दिर ऐ प्रभुधाम पक्तियां पढ़ीं। कवयित्री प्रीति तिवारी ने दूरी आसमानों की नाप कर दिखाना है, तू भी मेरी जद है तुझको ये समझना है, करने दो खूब चर्चा वा चाल इस ज़माने को जो हुए समर्थउनके कदमों में ये जमाना है पंक्तियां पढ़ीं। कवयित्री अनुजा सोमवंशी क्षमा ने हुआ आगमन राम लला का, अबध हुआ सुखधाम, नर नारी सब देखन चले छोड़छाड़ सब काम। गीता भारद्वाज ने कहा लेखनी का शब्द शब्द मेरा सैनिक सा साहसी हो, प्रत्येक छंद गाये वंदे मातरम्। संयोजक महेश पाल सिंह उपकारी ने कहा एक बार कहने से नाम का प्रतीक बनता, दो बार कहने से होता प्रणाम है, तीन बार कहने से दया और क्षमा आती, कहें अधिक बार बनता मंत्र राम नाम है। कवि दिलीप कश्यप कलमकार ने पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा मन में उमंग लिए, जीत की तरंग लिए, प्राण त्याग भारती के लाल नहीं मरते रचना पढ़ी।

निमिष टंडन ने कहा बोला मसीहा देख के मेरे जख्मों को, हमको तो ये जख्म पुराने लगते हैं। वरिष्ठ गज़़लकार नलिन श्रीवास्तव ने शानदार गज़ले पढ़ीं। नील कमल त्रिवेदी मोनू ने हास्य व्यंग के माध्यम से सामाजिक विसंगतियों पर तीखे प्रहार किए। देवेश तिवारी ने श्रृंगार रस के गीत पढ़ें। कार्यक्रम में उपकार मणि उपकार की गज़़ल संग्रह पुस्तक जख्मों पर नमन का विमोचन किया गया। मेला व्यवस्थापक संदीप दीक्षित ने कवियों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। संचालन युवा कवि वैभव सोमवंशी ने किया। अध्यक्षता सत्य पाल सिंह प्रगल्भ ने की। इस अवसर पर भूपेन्द्र प्रताप सिंह,अनिल सिंह राठौर, राघव दत्त मिश्रा, विभोर सोमवंशी, शिवम दीक्षित, विपिन अवस्थी आदि लोग उपस्थित रहें।

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