कायमगंज, समृद्धि न्यूज। साहित्यकार, ओजस्वी वक्ता एवं राजनेता अटल बिहारी बाजपेई के जन्मदिन पर साहित्यिक संस्था साधना निकुंज एवं अनुगूंज के संयुक्त तत्वावधान में काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। जिसमें सर्वप्रथम अटल की रचनाओं का वाचन हुआ…. मैं हार नहीं मानूंगा मैं रार नहीं ठानूंगा।
इस अवसर पर आयोजित काव्य गोष्ठी में प्रोफेसर रामबाबू मिश्र रत्नेश ने कहा जिसका हर कदम संतुलित था हर शब्द युगांतरकारी था। जिसका हर ओजस्वी भाषण जादू सा विस्मयकारी था। जो सबका था जिसके सब थे जो सब मान्य रत्नेश रहा, युग-युग तक याद रहे हां कोई नेता अटल बिहारी था। प्रख्यात गीतकार पवन बाथम ने कहा-चकित दुश्मनों को किया पोखरण में विस्फोट, दृढ़ इच्छा शक्ति को दिखा दिया जमाने को, राजनीति में भी रहे सच्चे एक स्वयंसेवक, संसद में नहीं गए खाने और कमाने को। मृत्यु से पूर्व लंबी अवधि तक कोमा में रहे अटल पर युवा कवि अनुपम मिश्रा ने कहा-नैतिक मूल्यों के क्षरण को अब रोकेगा कौन, अंत समय के पूर्व ही हुए अटल मौन। वीएस तिवारी ने कहा-हर कोई चौका चकित रह गई दुनिया सारी, राष्ट्र संघ में हिंदी बोले अटल बिहारी। मनीष गौड़ ने कहा-राजनीति काजल की कोठरी है, अटल बेदाग बाहर आए कैसे दामन बचा पाए। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रोफेसर कुलदीप आर्य ने कहा- प्रेम और सद्भाव से रहें मिलाएं हाथ, अटल सियासत में चले सबको लेकर साथ। डॉ0 सुनील सिद्धार्थ ने कहा-जब-जब नेता नफरत का माहौल बनाएंगे, याद अटल तब तब हमको ज्यादा आएंगे। गोष्ठी में जेपी दुबे अहिवरन सिंह गौड़, शिवकांत शुक्ला, शिव कुमार दुबे, मंजू मिश्रा, मीरा तिवारी आदि ने सहभागिता की। इसके अलावा गोपालदास नीरज की जयंती पर भी कवि एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें वक्ताओं ने अपने-अपने विचार रखे।