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मेरठ में सड़क पर नमाज अदा करने पर रोक, जयंत चौधरी के निशाने पर पुलिस

रमजान महीने का आखिरी जुमा 28 मार्च को है. रमजान के आखिरी जुमे यानी अलविदा की नमाज को लेकर मेरठ पुलिस प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है. इस बार सड़क पर नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी. प्रशासन ने कहा है कि अगर इसके बावजूद भी अगर कोई सड़क पर नमाज अदा करते पाया गया उस व्यक्ति पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उसका पासपोर्ट और लाइसेंस रद्द किया जा सकता है. मेरठ पुलिस के इस फैसले का मुस्लिम समुदाय ने किया विरोध किया है.

उत्तर प्रदेश के मेरठ में ईद को लेकर सख्त कदम उठाए गए हैं. मेरठ पुलिस ने इसको लेकर फरमान जारी किया है. इसमें कहा गया है कि ईद की नमाज सड़कों पर अदा नहीं की जाएगी. ऐसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी और उसके पासपोर्ट भी रद्द किए जाएंगे. मेरठ पुलिस के इस फरमान पर केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी का बयान सामने आया है.

उन्होंने कहा है कि ऑरवेलियन 1984 की ओर पुलिसिंग! जयंत के इस ट्वीट का मतलब यही है कि वो कहीं न कहीं मेरठ पुलिस के इस फरमान ने खिलाफ हैं. जयंत ये कहने की कोशिश कर रहे हैं कि मौजूदा पुलिसिंग या शासन व्यवस्था वैसी हो गई है जैसा कि जॉर्ज ऑरवेल की उपन्यास 1984 में बताया गया है. जिसमें एक निरंकुश सरकार होती है, जो लोगों के हर गतिविधि नजर रखती है और उनकी स्वतंत्रता को सीमित करने की कोशिश करती है.

सड़कों पर नहीं अदा की जाएगी ईद की नमाज

मेरठ में ईद को लेकर जो फरमान जारी किया गया है, उसको लेकर सिटी एसपी आयुष विक्रम सिंह ने कहा है कि इस साल ईद की नमाज नजदीकी मस्जिदों और फैज-ए-आम इंटर कॉलेज जैसे तय स्थानों पर ही पढ़ी जाएगी, ईदगाह के आसपास या सड़कों पर नहीं पढ़ी जाएगी. उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है.

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