प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में हैं। उन्होंने सोमवार सुबह विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर जूनागढ़ जिले में गिर वन्यजीव अभयारण्य में जंगल सफारी का आनंद लिया।
सोमनाथ से आने के बाद पीएम मोदी ने सासण में वन अतिथि गृह ‘सिंह सदन’ में रात्रि विश्राम किया।
रविवार शाम को उन्होंने सोमनाथ मंदिर में भगवान शिव की पूजा अर्चना की थी। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे पहला ज्योतिर्लिंग है।
वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ डे यानी तीन मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने गृह राज्य गुजरात में हैं. वे सुबह-सुबह गिर के जंगलों में सफारी का आनंद ले रहे हैं. उसके बाद यहीं सासन में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्ड लाइफ) की बैठक की अध्यक्षता करेंगे.
आइए इसी बहाने जानते हैं गिर के जंगल, वहां के शेरों और अन्य खासियत के बारे में.गिर वन राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना साल 1965 में हुई थी. यह गुजरात के जूनागढ़ में स्थित है.
यह एशियाई शेरों के प्रवास स्थल के रूप में पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. यह अकेली जगह है जहां एशियाई शेर पाए जाते हैं.
यह एक संरक्षित क्षेत्र है. यहां एशियाई शेरों के अलावा तेंदुए, जंगली सूअर, नीलगाय, चार सींग वाले हिरण समेत अनेक जीव, जन्तु, पशु-पक्षी पाए जाते हैं. आज यह जंगल पूरी तरह से विकसित है. सुरक्षित है लेकिन हरदम ऐसा नहीं था. पहले इसकी दशा बहुत अच्छी नहीं थी.
पीएम मोदी ने पोस्ट किया वीडियो
राजकोट है नजदीकी एयरपोर्ट
गिर पहुंचने के लिए नजदीकी एयरपोर्ट राजकोट है. यहां से जूनागढ़ से होते हुए 165 किलो मीटर की सड़क यात्रा के बाद गिर राष्ट्रीय उद्यान पहुंचा जा सकता है. जैसे-जैसे राष्ट्रीय उद्यान पर्यटकों के आकरक्षण का केंद्र बन रहा है, वैसे-वैसे यहां सरकारी और निजी क्षेत्र की सुविधाएं भी तेजी से विस्तार ले रही हैं. अनेक होटल, रिज़ॉर्ट स्थापित हैं. जंगल सफारी के लिए वाहनों की उपलब्धता है. जंगल के अंदर घूमने को सरकारी अनुमति जरूरी है. शिकार करना दंडनीय अपराध है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस धरती की जैव विविधता और वन्यजीवन को बचाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ‘आज विश्व वन्यजीव दिवस के मौके पर हम इस धरती की अतुल्य जैव विविधता के संरक्षण के अपने समर्पण को दोहराएं।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘हर प्रजाति की इसमें अहम भूमिका है। इन प्रजातियों के भविष्य की रक्षा करें। हमें वन्यजीवन को बचाने में भारत के योगदान पर भी गर्व होना चाहिए।’