प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलहाल अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने अपने नेपाली समकक्ष केपी शर्मा ओली और फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास सहित विश्व के नेताओं से अलग-अलग से बातचीत कर द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। इसके अलावा, फलस्तीनी लोगों के लिए भारत के समर्थन की फिर से पुष्टि की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात कर फिलिस्तीन के लोगों के लिए भारत के साथ का आश्वासन दिया है. इस समय UN जनरल असेंबली में हिस्सा लेने के लिए दुनिया भर के नेता अमेरिका के न्यूयॉर्क में इकट्ठा हुए हैं. UN जनरल असेंबली सेशन के साइड लाइन विश्व नेता द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा के लिए एक दूसरे से मिल रहे हैं. इसी कड़ी में पीएम मोदी और फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के बीच मुलाकात हुई है. पीएम मोदी की राष्ट्रपति महमूद से मुलाकात इसलिए भी अहम मानी जा रही है, क्योंकि गाजा संघर्ष की शुरुआत से ही भारत शांति की अपील करता रहा है. भारत के इजराइल और फिलिस्तीन दोनों के साथ अच्छे संबंध हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने इस्राइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत की पुरानी और सिद्ध स्थिति को दोहराया, और संघर्षविराम, बंधकों की रिहाई, और संवाद एवं कूटनीति के रास्ते पर लौटने की अपील की. उन्होंने जोर दिया कि केवल टू-स्टेट समाधान से ही क्षेत्र में स्थायी शांति और स्थिरता प्राप्त की जा सकती है. यह याद दिलाते हुए कि भारत उन पहले देशों में से एक था जिसने फिलिस्तीन को मान्यता दी थी, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन की सदस्यता के प्रति भारत के समर्थन की पुष्टि की. इस संघर्ष में शांति वार्ता के लिए अब सभी देश भारत की और देख रहे हैं. अमेरिका, कतर और मिस्र की मध्यस्थता नाकाम होने के बाद माना जा रहा है इस संघर्ष में भारत अहम भूमिका निभा सकता है.
गाजा की मानवीय स्थिति पर चिंता
इस मुलाकात के बार विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने एक्स पर लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महामहिम महमूद अब्बास से मुलाकात की. प्रधानमंत्री ने गाजा में मानवीय स्थिति पर गहरी चिंता जताई और फिलिस्तीन के लोगों के प्रति भारत के निरंतर समर्थन की पुष्टि की.” प्रधानमंत्री मोदी कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों से ये कह चुके हैं कि ये दौर जंग का दौर नहीं है और भारत सबसे दोस्ती का भाव लेकर आगे बढ़ रहा है. जहां विश्व के कई मोर्चों पर तनाव है और ताकतवर देश किसी न किसी देश या पक्ष का समर्थन कर रहे हैं, वहीं भारत सबसे अपने रिश्ते बेहतर रखने और शांति कायम करने की कोशिश कर रहा है. गाजा ही नहीं, यूक्रेन रूस विवाद में भी भारत के दोनों देशों से अच्छे संबंध हैं और इस संघर्ष में भी भारत संघर्ष विराम की कोशिश कर रहा है.
भारत और नेपाल के बीच दोस्ती बहुत मजबूत: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, ‘न्यूयार्क में नेपाली प्रधानमंत्री केपी ओली के साथ बहुत अच्छी बैठक हुई। भारत और नेपाल के बीच दोस्ती बहुत मजबूत है। हम अपने संबंधों को और अधिक गति देने के लिए तत्पर हैं। हमारी बातचीत ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और व्यापार जैसे मुद्दों पर केंद्रित रही।’
वहीं, विदेश मंत्रालय ने भी इसकी जानकारी दी। एक्स पर कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएनजीए के मौके पर नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली से मुलाकात की। यह दोस्ती को गहरा करना है। दोनों नेताओं ने सदियों पुराने, बहुआयामी और विस्तारित साझेदारी के सभी क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने के लिए आपसी हित के मामलों पर चर्चा की।’
नेपाल में परंपरा रही है कि जब भी वहां नया प्रधानमंत्री चुना जाता है या नए पीएम के तौर पर जो भी शपथ लेता है, वह अपनी पहली विदेश यात्रा भारत की करता है। मगर ओली ने पड़ोसी देश जाने की परंपरा तोड़ते हुए यूएनजीए के 79वें सत्र में शामिल होने के लिए अपनी पहली विदेश यात्रा पर अमेरिका आए हैं। ओली ने मंच एक्स पर कहा, ‘यूएनजीए के 79वें सत्र से भारत के प्रधानमंत्री मोदी के साथ सार्थक बैठक हुई। बैठक के दौरान, द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न मामलों पर चर्चा की गई।’