राजेपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत खस्ता, बगैर इलाज कराये लौट रहे ग्रामीण
अमृतपुर, समृद्धि न्यूज। एक रुपये का पर्चा बनवाइये, स्वस्थ और निरोग रहने का लाभ उठाइए। ऐसी योजनाओं को पूरे प्रदेश में लगातार चला रही है। जिससे गरीब लाचार बेबस लोग सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से नि:शुल्क दवाइयां प्राप्त कर सरें और अपनी जांच करा सके, परंतु क्या प्रदेश सरकार ने कभी इस तरफ ध्यान दिया है कि उसके द्वारा चलाई जाने वाली स्वास्थ्य संबंधित योजनाओं का लाभ गरीबों तक पहुंच रहा है अथवा नहीं। एक बानगी के तौर पर राजेपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत देख लीजिये। सीएचसी के बाहर बने सामुदायिक शौचालय में गंदगी फैली हुई है और महिला वार्ड में बने शौचालय में पानी की कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है। सामुदायिक केंद्र राजेपुर में लापरवाही की सारी हदें पार कर दी है। यहां गर्भवती महिलाओं का प्रसव मोबाइल की फ्लैश लाइट में कराया जा रहा है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक्सरा कराने आ रहे मरीज घंटों इंतजार में बैठते हैं। अंत में थकहार कर मरीज वापस अपने घर लौट जाते हैं। एक तरफ अधिकारियों का कहना है कि उनके द्वारा राजेपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को डीजल का पैसा दिया जा रहा है, लेकिन उसके बावजूद भी इनवर्टर या जनरेटर की कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है व अंत में मायूस होकर लौटना पड़ता है। जिससे साफ जाहिर है कि उच्च अधिकारी केवल खानापूर्ति करते हैं। राजेपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के हालात सुधरते नजर नहीं आ रहे है। जब मीडिया द्वारा इसकी जानकारी की गई तो देखा गया कि एक्स-रे रूम पर ताला लटक रहा है। एक्स-रे कराने आयी महिला मीरा देवी, राजबेटी, राजेश, नरवीर, दिनेश बिजली के इंतजार मैं बैठे रहे व अंत में थक कर वापस घर चले गए। जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि उच्च अधिकारियों के निर्देश राजेपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी हवा हवाई बातें कर रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी अवनीन्द्र कुमार भी राजेपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी पर कार्रवाई करने से कतराते हैं। राजेपुर चिकित्सा प्रभारी द्वारा मीडिया को भी फोन कर धमकाया जाता है और सीएचसी के अंदर न घुसने की खुली धमकी दी जाती है। जिसका ऑडियो जमकर वायरल हो रहा है। एक तरफ गरीब जनता उनका शिकार बन रही है, वहीं दूसरी तरफ मीडिया को भी डरा धमका कर खबर न छापने व हकीकत न दिखाने के लिए लगातार धमकाया जा रहा है। अब क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजेपुर में चिकित्सा प्रभारी की गुंडागर्दी यूं ही चलती रहेगी अथवा शासन की तरफ से भी कोई कार्रवाई अमल में लाई जाएगी या फिर क्षेत्र की जनता बेबस और लाचार होकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चक्कर लगाकर प्राइवेट इलाज कराने के लिए मजबूर हो जाएगी। क्षेत्रीय लोगों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि वह बाढ़ ग्रस्त गंगा पार क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की तरफ ध्यान दें और इसके बिगड़ गए हालातों को सुधारने में अपना सहयोग प्रदान करें।