यज्ञ में आहूतियां देकर सुख समृद्धि की गई कामना
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। राम नवमी के अवसर पर आर्य समाज लोहाई रोड में यज्ञ का आयोजन कर हर्षोल्लास पूर्वक पर्व को मनाया गया। आर्य समाज के पुरोहित पं0 हरिओम शास्त्री ने वेद मंत्रों से यज्ञ सम्पन्न कराया। गुरु विरजानंद आर्य गुरुकुल भोलेपुर के ब्रह्मचारियों ने वेदपाठ किया। सदस्यों ने श्रद्धापूर्वक यज्ञ में आहुतियां देकर सुख समृद्धि की कामना की। जिला आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान आचार्य चंद्रदेव शास्त्री ने मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम के चरित्र का वर्णन करते हुए उनके दिव्य वैदिक जीवन से प्रेरणा लेने का संकल्प कराया। उन्होंने कहा कि श्री राम एक आदर्श पुत्र, आदर्श पिता और पति होने के साथ-साथ आदर्श राजा व भाई थे। वे वेदों के मर्मज्ञ थे तथा वेदानुकूल मर्यादित जीवन जीकर उन्होंने समाज के लिए एक आदर्श स्थापित किया। राम भारत की सनातन वैदिक संस्कृति के आधार स्तंभ हैं आज भी विश्व के अनेक देशों में राम के चरित्र को अनेक रूपों में पूजा जाता है। उन्होंने कहा इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि राम के देश मे ही राम मंदिर के लिए एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। आज पूरे सनातन समाज को एकमत होकर इन विधर्मी शक्तियों का सामना करना होगा। उन्होंने युवा पीढ़ी में बढ़ते चारित्रिक पतन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि युवाओं को राम तथा युवतियों को सीता जैसा चरित्र अपनाना होगा, तभी इस देश से व्यभिचार समाप्त हो सकता है। स्वतंत्रता सेनानियों ने जिस राम राज की संकल्पना की थी, उसको पूरा करने के लिए आज गुरुकुलीय शिक्षा प्रणाली को अपनाना होगा। जिससे कि हम राष्ट्रभक्त युवाओं का निर्माण कर सकें। क्योंकि मैकाले द्वारा थोपी हुई शिक्षा से कभी देशभक्त पैदा नहीं हो सकते। राम ने ऋषियों के यज्ञ की रक्षा की और धरती को राक्षस विहीन करने का संकल्प लिया। राम के भक्तों को भी यज्ञीय संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए। आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती ने श्रीराम को आदर्श मानकर उनके अनुसार जीवन जीने का संदेश दिया। फरीदाबाद से आये आर्य समाज के भजनोपदेशक प्रदीप शास्त्री ने अपने भक्तिमय संगीत से प्रभु राम की वंदना कर उनके आदर्श जीवन चरित्र का वर्णन किया। आर्य समाज के मंत्री डॉ हरिदत्त द्विवेदी ने सभी वरिष्ठ सदस्यों व विद्वानों का वस्त्र आदि भेंट कर सम्मान किया। कार्यक्रम में रामप्रकाश वर्मा, सुरेश यादव, विवेक मिश्रा, सुखदेव शुक्ला, ओमप्रकाश वर्मा, उदयराज, उत्कर्ष आर्य, हर्ष आर्य, अहम आर्य, उदिता आर्या, रेनू आर्या आदि उपस्थित रहे।
राम भारत की सनातन वैदिक संस्कृति के आधार स्तंभ है: चन्द्रदेव शास्त्री
