जानलेवा हमले में तीन अभियुक्तगणों को सात-सात वर्ष का कारावास

दस-दस हजार रुपये के अर्थदण्ड से किया गया दण्डित
फर्रुखाबाद, समृद्धि न्यूज। जानलेवा हमले में अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या-७ अंकित कुमार मित्तल ने तीन अभियुक्तगणों को सात-सात वर्ष के सश्रम कारावास एवं दस-दस हजार के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
दिनांक 10.04.2016 को प्रात: 6 बजे नवाबगंज-बबना मार्ग पर अपने बने मकान के पास जानवरों को चारा डाल रहे थे। उसे जान से मारने की नियत से गांव के ही अवधेश दुबे पुत्र कन्हैया लाल, कुलदीप पुत्र अवधेश व रमाकांत दुबे पुत्र ओमप्रकाश दुबे मोटर साइकिल से आये और अवधेश ने ललकार कर आवाज दी मार दो सालों को। रमाकांत व कुलदीप दोनों ने एक साथ फायर किये। जिससे उसके दाहिनी हाथ में गोली लगी और वह घायल होकर गिर पड़ा। फायर की आवाज सुनकर रामलखन पुत्र होरीलाल, भवनेश कुमार पुत्र महाराय ने दौडक़र ललकारा, जिस पर अभियुक्तगण फायर करते हुए मोटर साइकिल से भागे और कहा कि अबकी बार जिन्दा नहीं छोड़ेंगे, इन लोगों ने थोड़ी दूर तक पीछा किया, लेकिन अभियुक्तगण मोटर साइकिल पर सवार होने से भाग गये। गांव के लोग मुझे थाने लेकर गये। दरोगा ने अस्पताल के लिए भेजा, लेकिन हालत गम्भीर होने पर लोहिया अस्पताल रेफर कर दिया। वहां पर हड्डी का सर्जन न होने के कारण मथुरा इलाज कराने चला गया। वापस आने पर प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। तब पीडि़त ने न्यायालय की शरण ली। न्यायालय के आदेश पर नवाबगंज पुलिस ने मु0अ0सं0 159/2006 धारा-307, 504, 506  भारतीय दण्ड संहिता में दर्ज किया। अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या-७ अंकित कुमार मित्तल ने अभियुक्तगण रमाकांत पुत्र ओमप्रकाश दुबे, अवधेश दुबे पुत्र कन्हैया लाल, कुलदीप पुत्र अवधेश दुबे निवासीगण ग्राम नगला विनायक थाना नवाबगंज को आरोप अंतर्गत धारा-307, 504, 506 भारतीय दण्ड संहिता के आरोप में दोषी पाते हुए सात-सात वर्ष के सश्रम कारावास एवं दस-दस हजार के अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है तथा अर्थदण्ड अदा न करने पर अभियुक्तगणों को एक-एक माह का कारावास भुगतना होगा। वहीं आरोप धारा-504  भा0द0सं0 में एक-एक वर्ष के सश्रम कारावास व एक-एक हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्ड की अदायगी न करने पर सात-सात दिन का साधारण कारावास भुगतना होगा। वहीं धारा 506 भा0द0सं0 में दो-दो वर्ष के सश्रम कारावास व एक-एक हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्ड की अदायगी न करने पर सात-सात दिन का साधारण कारावास भुगतना होगा।

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